हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक और बागी पर सख्त एक्शन लिया है. बीजेपी ने अपने नेता सुभाष शर्मा को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया है. सुभाष शर्मा को बीजेपी ने हिमाचल चुनाव 2022 के लिए टिकट नहीं दिया था. फिर नाराज सुभाष शर्मा ने निर्दलीय पर्चा भर दिया था. सुभाष शर्मा बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी थे.
सुभाष के निर्दलीय पर्चा भरने पर बीजेपी ने अब एक्शन लिया है. प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कश्यप ने उनके खिलाफ यह एक्शन लिया है. बताया गया है कि सुभाष शर्मा की प्राथमिक सदस्यता को तुरंत प्रभाव से छह साल के लिए खत्म किया जाता है.
बीजेपी इससे पहले अपने पांच विधायकों के खिलाफ भी ऐसा एक्शन ले चुकी है. ये सभी टिकट ना मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो गए थे. जिन नेताओं को पार्टी से सस्पेंड किया गया था उनके नाम तेजवंत सिंह नेगी (किन्नौर), किशोरी लाल (अन्नी), मनोहर धीमान (इंदौरा), के एल ठाकुर (नालागढ़) और भाजपा की हिमाचल इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार है.
हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. वहीं 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. टिकट ना मिलने से बीजेपी के एक दर्जन से ज्यादा नेता नाराज थे. पहली ही लिस्ट में बीजेपी ने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया था. इसी के साथ दो मंत्रियों की विधानसभा सीट बदल दी थी. उन्होंने ऐलान किया था कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
फिर बीजेपी के सीनियर नेताओं ने मोर्चा संभालते हुए इन नेताओं से बात की थी और उनको समझाने-बुझाने का काम किया था. कुछ नेता मान भी गए थे. जैसे पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, युवराज कपूर और धर्मशाला प्रखंड अध्यक्ष अनिल चौधरी ने अपना नामांकन वापस ले लिया था.
कमलजीत संधू