गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा. इसके लिए मैदान में उतरे सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हैं. फिलहाल यहां हम आपको ऐसे मतदारों की बात बताएंगे कि जिन्हें वोटिंग के लिए बड़ी संख्या में सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात से लाया जाएगा और उसके लिए हर पार्टी ने तैयारियां भी तेज कर दी हैं.
दरअसल, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के दाहोद, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, नर्मदा, डांग , तापी इत्यादी आदिवासी इलाके हैं. वहां से बड़ी संख्या में लोग मजदूरी और खेती किसानी करने के लिए सौराष्ट्र उत्तर गुजरात जाते हैं. वह लोग वहां साल भर रहते हैं और जब कोई त्यौहार होता है तब आते हैं. लेकिन इस बार गुजरात के अंदर विधानसभा के चुनाव हैं. ऐसे में वह लोग वोटिंग करने के लिए आएं, इसके लिए राजकीय पार्टियों ने उनको लेने के लिए ट्रक से लेकर प्राइवेट बस की व्यवस्था की है. उनको वहां जाकर ढूंढा जाता है और गांवों में लाया जाता है।
ऐसे मतदारों का कोई खास रेकॉर्ड नहीं है कि वो कहां और कौन से गांव में हैं , लेकिन उनकी संख्या लाख में है. वह लोग गुजरात के सौराष्ट्र उत्तर गुजरात के अंदर मेहनत मजदूरी करने के लिए गए हैं और उनको लाने के लिए अब हर राजकीय पार्टी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक स्थानीय नेता ने बताया कि हर चुनाव के अंदर इन लोग को लाने के लिए यहां से ट्रक, लग्जरी बस, टेंपो भेजे जाते हैं. इस दौरान 3 दिन के खाने-पीने के खर्च से लेकर उनको हर तरह की मदद की जाती है. उनको जब यहां लाया जाता है तो उनकी 3 दिन की मजदूरी भी उनको दी जाती है.
आदिवासी बाहुल्य इलाकों में रहते ग्रामीणों को स्थानीय जगह पर खास रोजगारी नहीं मिलती है और इसकी वजह से वह सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात के बड़े किसानों की जमीन पर पूरे परिवार के साथ रहते हैं और उनकी खेत संभालते हैं। इनकी आबादी डेढ़ से दो लाख है. हालांकि, अभी तक किसी ने उनकी गिनती नहीं की है लेकिन अंदाज यही है.
182 सीटों पर हो रहे गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर को वोट पड़ेंगे. वहीं दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि 15वीं विधानसभा के लिए परिणाम 8 दिसंबर को जारी किए जाएंगे. गुजरात में 4.91 करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 4.61 लाख नए वोटर हैं. इनमें से 9.87 लाख मतदाताओं की उम्र 80 साल से ज्यादा हैं. 18 फरवरी 2023 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
नरेंद्र पेपरवाला