Darauli Election Results 2020: लगातार दूसरी बार जीते माले के सत्यदेव राम, 12119 वोटों से BJP की हार

Darauli Election Results, Darauli Vidhan Sabha seat Counting 2020: दरौली विधानसभा सीट से लेफ्ट के उम्मीदवार सत्यदेव राम ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी के रामायण मांझी को 12119 वोटों के अंतर से हराया.

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Darauli Election Results 2020: MLA Satyadev Ram Darauli Election Results 2020: MLA Satyadev Ram

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:45 PM IST

सीवान जिले में आने वाली बिहार के दरौली विधानसभा सीट से लेफ्ट के उम्मीदवार सत्यदेव राम ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी के रामायण मांझी को 12119 वोटों के अंतर से हराया.

इस बार के उम्मीदवार

  • बीजेपी - रामायण मांझी - 68948 वोट
  • लेफ्ट - सत्यदेव राम (CPIML) - 81067 वोट

इस सीट का इतिहास काफी बदलाव वाला रहा है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन समेत कई पार्टियां चुनाव जीत चुकी हैं. यह सीट एससी (SC) कैंडिडेट के लिए आरक्षित है. साल 2015 में हुए चुनावों में इस सीट पर बीजेपी, आरजेडी और सीपीआई एमएल एल के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था और सत्यदेव सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार रामायण मांझी को करीब 9500 वोटों के अंतर से हराया था. इस बार भी इस सीट के चुनावी इतिहास ने खुद को दोहराया है और एक बार फिर रामायण मांझी को सत्यदेव राम के हाथों हार का सामना करना पड़ा.

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दरौली विधानसभा सीट के नतीजे

बिहार की दरौली विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 50.05% मतदान हुआ. इस सीट पर 4 उम्मीदवार चुनाव लड़े जिसमें बीजेपी, लेफ्ट, प्लूरल्स पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार शामिल रहे. 

    राजनीतिक पृष्ठभूमि
    दरौली विधानसभा सीट पर 1951 में पहला चुनाव हुआ था और कांग्रेस के रामाणय शुक्ला ने जीत हासिल की थी. उसके बाद से अभी तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस को 5 बार जीत हासिल हुई है लेकिन वर्तमान में यहां कांग्रेस की हालत बेहद खराब है. आलम यह है कि इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार इंदिरा लहर में साल 1980 में जीत हासिल हुई थी. इसके बाद इस सीट से कांग्रेस गायब ही हो गई. वहीं, लेफ्ट की पार्टी सीपीआई (एमएल, एल) (Communist Party of India Marxist-Leninist Liberation) का इस सीट पर दबदबा रहा है, यहां लेफ्ट के उम्मीदवारों ने चार बार जीत हासिल की है और वर्तमान में भी उन्ही का कब्जा है.

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    इस सीट पर बीजेपी और आरजेडी को एक-एक बार जीत हासिल हुई है. वहीं, नीतिश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का खाता भी नहीं खुला है, लेकिन यहां जनता दल का खासा प्रभाव रहा है. जनता दल के शिव शंकर यादव ने दो बार इस सीट से जीत हासिल की है और तीन बार के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे. शिव शंकर के अलावा इस सीट पर सीपीआई एमएल के अमर नाथ यादव ने तीन बार जीत हासिल की.

    सामाजिक ताना-बाना
    सीवान जिले में आने वाली दरौली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा के तहत आने वाला पूरा इलाका पूर्ण रूप से ग्रामिण है. 2019 के वोटर लिस्ट के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 3,09,753 वोटर और 319 मतदान केंद्र हैं. यहां पर अनुसूचित जाति (एससी) से 14.49 फीसदी लोग हैं, वहीं, अनुसूचित जनजाति (एसटी)  की संख्या 4.54 फीसदी है. 2019 के लोकसभा चुनावों में यहां 52.9% वोटिंग हुई थी. वहीं, 2015 के विधानसभा चुनावों में यहां वोटिंग परसेंटेज 51.3 फीसदी था. 2015 में सीपीआई एमएल को सबसे ज्यादा 33.55 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी को 27.07 फीसदी और आरजेडी को 25.27 फीसदी वोट मिले थे.

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    2015 का जनादेश
    2015 के विधानसभा चुनाव में दरौली विधानसभा सीट से सीपीआईएमएल के नेता सत्यदेव राम ने जीत हासिल की थी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता रामायण मांझी को 9500 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. 2015 में इस सीट पर कुल 2.88 लाख वोटर थे जिनमें से 1.47 लाख वोटरों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था, यानी वोटिंग परसेंटेज 51 फीसदी रही. इस सीट से लड़ने वाले सत्यदेव राम को 49576 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर की पार्टी बीजेपी को 39992 वोट और आरजेडी उम्मीदवार परमात्मा राम को 37345 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, चंद्रमा नाम के निर्दलीय उम्मीदवार ने 8700 से ज्यादा वोट प्राप्त किए थे. 

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