बिहार: पीरपैंती सीट पर क्या RJD को दोबारा मिलेगी जीत या NDA की होगी वापसी

पीरपैंती में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. हालांकि, सीपीआई को यहां पर कुल 6 चुनावों में जीत मिली है, जबकि कांग्रेस और आरजेडी ने चार-चार बार इस सीट पर कब्जा जमाया.

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क्या पीरपैंती में बीजेपी की होगी वापसी (फाइल फोटो) क्या पीरपैंती में बीजेपी की होगी वापसी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST
  • पीरपैंती सीट पर है RJD का विधायक
  • रामविलास ने 2015 के चुनाव में जीत हासिल की थी
  • सीपीआई को 6 चुनावों में यहां पर जीत मिली है

बिहार की पीरपैंती विधानसभा सीट भागलपुर जिले के अंतर्गत आती है. 1952 में अस्तित्व में आई ये सीट कभी सीपीआई का गढ़ हुआ करती थी. वहीं, कांग्रेस को 1980 के बाद से यहां पर जीत नसीब नहीं हुई है. हाल के चुनावों में यहां पर बीजेपी और आरजेडी के बीच ही मुकाबला होता रहा है. आरजेडी के रामविलास ने 2015 के चुनाव में जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के अमन कुमार को मात दी थी. इस बार के चुनाव में भी यहां पर आरजेडी और बीजेपी के बीच ही मुकाबला देखने को मिल सकता है. 

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पीरपैंती के बारे में

पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है. जिले में सबसे अधिक गन्ना की खेती यहीं होती है. विधानसभा क्षेत्र स्थित धार्मिक स्थलों में बटेश्वर स्थान और योगीवीर पहाड़ी के अलावा दातासाह पीर मजार पर काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. पीरपैंती नाम दो शब्दों 'पीर' और 'पयट' से बना है. पीर संतों से संबंधित है, जबकि स्थानीय शब्दों में 'पयट' का अर्थ समग्र उद्देश्यों के लिए समूह में बैठना होता है. यहां पर गंगा नदी के तट पर 'पीर' का एक स्थान है जहां लोग पूजा करने जाते हैं. पीरपैंती बिहार की राजधानी पटना से 232 किमी की दूरी पर स्थित है. 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

भागलपुर जिले की पीरपैंती विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. यहां पर किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. हालांकि, सीपीआई को यहां पर कुल 6 चुनावों में जीत मिली है, जबकि कांग्रेस और आरजेडी ने चार-चार बार इस सीट पर कब्जा जमाया. पीरपैंती में बीजेपी का भी एक बार विधायक रह चुका है. 2010 के चुनाव में अमन कुमार ने यहां से जीत हासिल की थी. पिछले तीन चुनाव पर नजर डालें तो यहां पर आरजेडी और बीजेपी के बीच ही मुकाबला रहा है. कांग्रेस को इस सीट पर 1980 के चुनाव के बाद से जीत नहीं मिली है. 

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2015 का जनादेश

2015 विधानसभा चुनाव के आंकड़े को देखें तो यहां पर 3,07,808 मतदाताओं थे. इसमें से 53.4 फीसदी पुरुष और 46.59 महिला वोटर्स थीं. पीरपैंती में 1,77,151 लोगों ने वोटिंग की थी. यानी 57 फीसदी वोटिंग पीरपैंती सीट पर हुई थी. इस चुनाव में यहां से आरजेडी के रामविलास ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के ललन कुमार को मात दी थी.

रामविलास को 80058 वोट मिले थे, जबकि ललन कुमार के खाते में 74914 वोट पड़े थे. वोट प्रतिशत की बात करें तो रामविलास को 45.2 फीसदी वोट हासिल हुए थे तो वहीं ललन कुमार को 42.29 फीसदी वोट मिले थे. 4622 वोटों के साथ सीपीआई के हीरालाल तीसरे स्थान पर थे. 

ये प्रत्याशी हैं मैदान में

पीरपैंती विधानसभा सीट से कुल 27 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से आरजेडी के वर्तमान विधायक रामविलास पासवान और बीजेपी के ललन कुमार प्रत्याशी हैं. पीरपैंती में कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी पर्चा भरा है, लेकिन यहां मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच ही माना जा रहा है. 

कितनी हुई वोटिंग

पीरपैंती में दूसरे चरण के तहत मतदान हुआ. यहां पर 3 नवंबर को वोटिंग हुई. पीरपैंती में  58.98 फीसदी मतदान हुआ. मतगणना 10 नवंबर को की जाएगी.

रामविलास पासवान के बारे में

आरजेडी के विधायक रामविलास पासवान ने साल 1988 में राजनीति में एंट्री की थी. 5 सितंबर, 1972 को जन्मे रामविलास पेशे से किसान हैं. 2015 में चुनाव जीतकर वह पहली बार विधानसभा पहुंचे. 

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