बिहार चुनावः मोदी की रैली में नीतीश की मौजूदगी, चिराग को बहुत चुभेंगी मंच की तस्वीरें

बिहार चुनाव में पीएम मोदी चार दिन में 12 रैलियां कर एनडीए के लिए वोट मांगेंगे. पीएम के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच साझा करेंगे और मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पांचवीं पारी के लिए जनता-जनार्दन से गुहार लगाएंगे. पीएम मोदी की रैलियों से महागठबंधन को तो चुनौती मिलेगी ही, केंद्र में उनकी सहयोगी लोकजनशक्ति पार्टी के लिए भी अजीब स्थिति पैदा होगी.

Advertisement
नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 16 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST
  • पीएम नरेंद्र मोदी की बिहार में 12 रैलियां होंगी
  • पीएम मोदी की रैली में नीतीश कुमार साथ होंगे
  • रैली के मंच पर एनडीए कैंडिडेट को मिलेगी जगह

बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का समय और तारीख फिक्स हो गई है. पीएम मोदी चार दिन में 12 रैलियां कर एनडीए के लिए वोट मांगेंगे. पीएम के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच साझा करेंगे और मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पांचवीं पारी के लिए जनता-जनार्दन से गुहार लगाएंगे. पीएम मोदी की रैलियों से महागठबंधन को तो चुनौती मिलेगी ही, केंद्र में उनकी सहयोगी लोकजनशक्ति पार्टी के लिए भी अजीब स्थिति पैदा होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में एलजेपी की ओर से चिराग पासवान मोदी के नाम पर और नीतीश के खिलाफ वोट मांग रहे हैं. 

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 23 अक्टूबर को बिहार के सासाराम, गया और भागलपुर में रैली होंगी, जबकि 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में, एक नवंबर को छपरा, मोतिहारी और समस्तीपुर में तथा 3 नवंबर को सहरसा, अररिया और बेतिया में रैली होगी. इन सारी रैलियों में पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार मंच पर उपस्थित रहेंगे. खास बात ये है कि 28 अक्टूबर और 3 नवंबर को बिहार में पहले और दूसरे चरण की वोटिंग भी है. बीजेपी एक रणनीति के तहत चुनावों में वोटिंग वाले दिन पीएम मोदी की रैलियां आयोजित कराती रही है और नतीजे बताते हैं कि इसका उसे लाभ भी मिला है. 

पीएम मोदी की अगर पिछली चुनावी रैलियों को देखें तो उनके मंच पर संबंधित क्षेत्र के सभी प्रत्याशी मौजूद रहते हैं. पीएम उनके नाम भी पुकारते रहते हैं. बिहार में बीजेपी चूंकि जेडीयू के साथ गठबंधन में है और मंच पर नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे, ऐसे में दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों के मंच पर रहने की पूरी संभावना है. साफ है कि जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारने वाले चिराग पासवान को मंच की तस्वीरें बहुत असहज करेंगी. 

Advertisement

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में मनमुताबिक सीटें न मिलने से एलजेपी अकेले चुनावी मैदान में उतरी है. चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वे नीतीश पर जमकर हमलावर हैं. यही नहीं सीट शेयरिंग में जिन बीजेपी नेताओं की सीटें जेडीयू के खाते में चली गई हैं, उन्हें चिराग पासवान ने अपनी पार्टी से प्रत्याशी बना दिया है. ऐसे ही करीब 15 सीटों पर जेडीयू के बागी नेता भी चुनाव लड़ रहे हैं. 

हालांकि, बीजेपी और जेडीयू दोनों पार्टियों ने अपने-अपने बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके बावजूद पार्टी में भितरघात का खतरा तो बना ही हुआ है, क्योंकि बीजेपी के तमाम बागी नेता पीएम नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर ही वोट मांग रहे हैं. महागठबंधन के प्रत्याशी इसमें अपना राजनीतिक फायदा देख रहे हैं. नीतीश-मोदी की साझा रैली से बिहार की जनता को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि बिहार में मोदी के असली सिपहसालार नीतीश ही हैं, चिराग नहीं जो चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-एलजेपी गठबंधन सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement