बाजपट्टी विधानसभा सितामढ़ी जिले का हिस्सा है. बिहार की 243 विधानसभाओं में से एक बाजपट्टी सीट से जनता दल यूनाइटेड की डॉक्टर रंजू गीता विधायक हैं. बाजपट्टी विधानसभा की सीट संख्या 27 है.
पहली बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव 2010 में हुआ था. जेडूयी प्रत्याशी रंजू गीता को ही इस सीट से कामयाबी हासिल हुई थी. वे दो बार से इस विधानसभा से विधायक चुनी जा रही हैं. लोगों के रुझान के तौर पर देखें तो यहां नीतीश कुमार का दबदबा है.
यहां की विधायक रंजू गीता, सीतामढ़ी के पौराणिक और धार्मिक महत्व को लेकर बेहद सजग रही हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में विकास भी अच्छा हुआ है. देखने वाली बात ये है कि 10 साल से चला आ रहा है, जेडीयू का कब्जा, विधानसभा चुनाव 2020 में भी बरकरार रह पाता है या नहीं.
2015 का चुनाव
2015 के चुनाव में बाजपट्टी विधानसभा से डॉक्टर रंजू गीता ने जीत का परचम लहराया था. उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की प्रत्याशी रेखा कुमारी को पटखनी दी थी. जहां आरजेडी को 67,194 मत हासिल हुए, वहीं आरएलएसपी को 50,248 वोट हासिल हुए थे.
2015 के चुनाव में रंजू गीता को 67,194, आरएलएसपी की रेखा कुमारी को 50,248 वोट, निर्रदलीय प्रत्याशी रविंद्र कुमार शाही को 8,033 और विजय कुमार झा को 41,190 मत हासिल हुए थे. इस विधानसभा में कुल 2,84,002 वोटर्स हैं. इस साल 54.64 फीसदी वोट पड़े थे.
सीट का इतिहास
यह सीट जब अस्तित्व में आई तब से ही जेडीयू के लिए यहां जमीन तैयार हो रही थी. जब 2010 में विधानसभा चुनाव हुए तो रंजू गीता को बतौर प्रत्याशी जेडीयू ने टिकट दिया. दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के चर्चित नेता अनवरुल हक मैदान में थे. लेकिन लोगों ने लालू यादव की जगह नीतीश कुमार के साथ चलना ज्यादा पसंद किया. नतीजा ये रहा कि जहां जेडीयू को 44,726 मत हासिल हुए, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी को 41,306 वोट हासिल हुए.
विधायक का परिचय
डॉ रंजु गीता की गिनती बिहार के युवा महिला नेताओं में होती है. उनका जन्म 1 अगस्त 1974 को नालंदा के नेसरा गांव में हुआ था. बिहार की राजनीति में भी इनकी गिनती सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी महिला नेताओं में होती है. इन्होंने पीएचडी की है. राजनीति में उतरने से पहले शिक्षा और कृषि क्षेत्र में ये अपनी सेवाएं दे चुकी हैं.
पढ़ाई के दौरान भी रंजु गीता छात्र राजनीति में सक्रिय रहीं. 2001 के बाद इन्होंने सक्रिय रूप से राजनीति में दोबारा एंट्री ली. साल 2009-10 में मनरेगा कार्यक्रम में सामने आई अनियममितता के विरोध में कल्याणकारी मजदूर आंदोलन का नेतृत्व भी कर चुकी हैं. उस दौरान वे 6 जिला पार्षदों के साथ 14 दिनों की जेल भी काट चुकी हैं.
सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रही रंजू गीता बालश्रम, महिला शिक्षा, दलित-आदिवासी विकास और सीतामढ़ी के सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए भी सक्रिय रही हैं.
किसके बीच है कांटे की टक्कर?
बाजपट्टी विधानसभा सीट पर महागठबंधन बनाम एनडीए में कांटे की टक्कर है. महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मुकेश कुमार यादव चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड की ओर से डॉक्टर रंजू गीता चुनावी समर में हैं. रंजू गीता इस सीट से मौजूदा विधायक भी हैं. ऐसे में इस सीट पर बेहद कांटे की टक्कर है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की ओर से रेखा कुमारी भी चुनाव लड़ रही हैं.
अन्य उम्मीदवारों में लोक जनशक्ति पार्टी से इन्तखाब आलम, लोग जन पार्टी(सेक्युलर) से प्रबोध कुमार शर्मा, भारतीय सब लोग पार्टी से मोहम्मद आफताब, राष्ट्रीय उलामा काउंसिल से सैय्यद नियाज अहमद, जन अधिकार पार्टी(लोकतांत्रिक) की ओर से अनिसुर रहमान, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की ओर से शकील अहमद चुनाव लड़ रहे हैं.
55.72% लोगों ने किया वोट
तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव हुए. बाजपट्टी में भी तीसरे चरण में ही चुनाव संपन्न हुए. बाजपट्टी विधानसभा में कुल 55.72% फीसदी लोगों ने वोट किया है. 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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अभिषेक शुक्ल