अलौली विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार रामवृक्ष सदा ने 2773 मतों के साथ जीत हासिल की है. उन्होंने जेडीयू की प्रत्याशी साधना देवी को मात ही. रामवृक्ष सदा को 47183 (32.69%) वोट मिले जबकि साधना देवी 44410 (30.77%) मत मिले. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राम चंद्र सदा 26386 (18.28) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर तीन नवंबर को मतदान के दौरान 56.85% वोटिंग हुई थी.
अलौली विधानसभा वो सीट है जहां से केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक रामविलास पासवान पहली बार चुनाव लड़े और जीते. बाद के चुनावों में इस सीट पर उनके परिवार का लंबे समय तक कब्जा रहा.
मुख्य प्रत्याशी
जेडीयू- साधना देवी
आरजेडी- रामवृक्ष सदा
एलजेपी- रामचंद्र सदा
बसपा- जगनंदन सदा
2015 के चुनावी नतीजे
रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस इस सीट से सात बार विधायक चुने गए. लेकिन 2015 के चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार चंदन कुमार ने 70,519 (51.6%) मतों से जीत हासिल की. चंदन कुमार ने एलजेपी के गढ़ में पशुपति पारस को मात दी थी. पशुपति पारस को 46,049 (33.7%) मतों से संतोष करना पड़ा था.
इसी तरह, 2010 के चुनावों में एलजेपी के पशुपति पारस के इस सीट से सात बार विधायक रहने के बावजूद जेडीयू के रामचंद्र सादा ने शिकस्त देते हुए लगातार सीट पर कब्जा बनाए रखने का सिलसिले को ध्वस्त कर दिया था.
चुनावी इतिहास
1969 के मध्यावधि चुनाव में अलौली विधानसभा सीट से रामविलास पासवान पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. समाजवादियों की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने रामविलास पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया था. रामविलास पासवान उस समय करीब एक हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस के प्रत्याशी मिश्री सादा को हराया था. उस समय पासवान को 20330 वोट मिले थे.
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अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अलौल सीट पर रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस सात बार चुनाव जीते. अक्टूबर 2005 और फरवरी 2005 के चुनावों में एलजेपी के पशुपति पारस ने जीत दर्ज की. 1990, 1995 और 2000 के चुनावों पशुपति पारस JDU के टिकट पर जीते. 1985 का चुनाव वह लोकक्रांति दल के टिकट पर जीते थे. 1980 में जनता पार्टी के मिश्री सदा ने जीत दर्ज की थी. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर पशुपति पारस जीते. 1962 और 1967 का चुनाव मिश्री सदा कांग्रेस के टिकट पर जीते थे जबकि 1969 के चुनाव में रामविलास पासवान सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जीते थे.
सामाजिक ताना-बाना
जनगणना 2011 के अनुसार अलौली विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 387193 है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 25.39 और 0.04 फीसदी है. मतदाता सूची 2019 के मुताबिक यहां 239549 वोटर्स हैं. 2015 के विधानसभा चुनावों में 59.71% मतदान हुआ था.
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