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बिहार विधानसभा चुनाव

Kaimur: तेजस्वी बोले- बेरोजगारों का केंद्र बन गया है हमारा बिहार

रंजन कुमार त्रिगुण
  • 16 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST
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बेरोजगारों का केंद्र बन गया है हमारा बिहार. यहां पर बेरोजगारी 46.6 फीसदी है. बिहार में हर दूसरे घर से लोग पलायन कर रहे हैं. इस पलायन पर बिहार के डिप्टी सीएम कहते हैं कि मौज करने के लिए लोग बाहर जाते हैं. हंसी आती है उनके इस बयान पर. ये कहना है बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का. (इनपुट- रंजन कुमार त्रिगुण)

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कैमूर जिले में शुक्रवार को चुनावी जनसभा में तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. कैमूर के भभुआ पहुंचे तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. तेजस्वी यादव ने कहा यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों के रोजगार के लिए प्रस्ताव पास करूंगा. 

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इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है. तेजस्वी ने कहा कि हम जो कहते हैं, वो करके भी दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि यह नौकरियां कहां से आएंगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में साढ़े चार लाख सरकारी नौकरी मिलेगी. उसके बाद पुलिस महकमे में भी काफी जगह खाली हैं. 

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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि बिहार में यह सभी पद क्यों खाली हैं. तेजस्वी यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'हमारे चाचा जी' ने चार साल में चार सरकार बनाईं. डबल इंजन होने के बाद भी बिहार के लोगों को रोजगार नहीं मिला. जब पीएम मोदी कह रहे थे कि हर साल दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे, तो उस समय उनको हंसी क्यों नहीं आ रहा थी. 

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तेजस्वी ने कहा कि हम ठेठ बिहारी हैं, जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि पिता लालू प्रसाद यादव ने 90 हजार करोड़ का मुनाफा रेलवे में दिया है. रेलवे के तीन कारखाने बिहार में खोले, लेकिन इनके शासनकाल में कुछ नहीं हुआ.


 

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तेजस्वी यादव ने कहा कि 10 नवंबर को चुनाव परिणाम आने वाला है. इस बार आरजेडी की सरकार बनेगी. 15 साल में बेरोजगारी नहीं मिटी, कल-करखाने नहीं लगे और ना ही पलायन रुका. कोरोना महामारी उदाहरण है कि कितने लोगों ने पलायन किया था. वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों को भी नीतीश कुमार नहीं आने दे रहे थे. 

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तेजस्वी यादव की सभा में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. बैरीकेडिंग तोड़कर लोग मंच तक पहुंच गए. इस दौरान कोरोना संक्रमण का कोई डर दिखाई नहीं दिया. वहीं इस भीड़ को नियंत्रण करने के बजाए पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही.

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