गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय बंगाल दौरे के आखिरी दिन बोलपुर में रोड शो किया. रोड शो में उमड़े जनसैलाब को देखकर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने ऐसा रोड शो जीवन में नहीं देखा है. शाह ने कहा कि बंगाल की जनता अब बदलाव चाहती है. रोड शो में भीड़ से बीजेपी और अमित शाह बेहद खुश हैं , उन्हें उम्मीद है कि जो लोग उन्हें देखने के लिए आए हैं, वो अगले साल होने वाले चुनावों में उन्हें वोट जरूर देंगे. लेकिन क्या ये सब इतना आसान है.
अमित शाह ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 27 साल कम्युनिस्टों का शासन चला, 10 साल ममता को दिए लेकिन प्रदेश में विकास, शांति है क्या? हिंसा कम हुई है क्या? बेरोजगारी घटी है क्या?
बोलपुर में अमित शाह के ये बोल बता रहे हैं कि अगले कुछ महीनों में बंगाल का सियासी युद्ध कितना गरम रहने वाला है. अमित शाह ने लोगों से बीजेपी के लिए समर्थन मांगते हुए कहा कि मैं आपको वादा करता हूं एक मौका नरेंद्र मोदी को दे दो. 5 साल के अंदर हम शोनार बांग्ला बना देंगे.
अमित शाह ने अपने दौरे के पहले ही दिन शनिवार (19 दिसंबर) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जबरदस्त झटका दिया. मिदनापुर की रैली में तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक, एक सांसद, पूर्व सांसद और CM ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी की बढ़ती ताकत को देखते हुए ममता बनर्जी ने घरेलू बनाम बाहरी की बहस तेज कर दी है. इसी सिलसिले में टीएमसी जगह जगह छोटी रैलियां करके अमित शाह के दौरे को बंगाल का अपमान बता रही है.
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वहीं बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस के इन आरोपों को काउंटर करने के लिए सोच समझकर आगे बढ़ रही है. इसी सिलसिले में अमित शाह के दौर के दूसरे दिन का कार्यक्रम भी रखा गया था. बाहरी पार्टी के आरोप का जवाब देने के लिए अमित शाह ने सबसे पहले रविंद्र नाथ टैगौर को श्रद्धांजलि दी. विश्वभारती कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोक गायक के घर पर खाना खाया.
मध्य बंगाल को लेकर बोलपुर बीजेपी की लिस्ट में सबसे ऊपर है. इसकी वजह पिछले दो संसदीय नतीजे हैं. 2014 में जहां टीएमसी को 48.33 फीसदी वोट मिले तो बीजेपी को 15.13 फीसदी मतों से संतोष करना पड़ा. लेकिन 2019 के चुनाव में ममता का वोट शेयर तकरीबन एक फीसदी घट गया लेकिन बीजेपी को अप्रत्याशित रूप से बढ़त देखने को मिली. जिसके बाद बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने इसे पार्टी का गढ़ कहना शुरू कर दिया है.
बोलपुर से उम्मीदों के पीछे इस सीट का संसदीय इतिहास है. क्योंकि पहले कम्युनिस्ट पार्टी ने साल 1971 से 2014 तक लगातार यहां जीत दर्ज की. सीपीएम के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी ने यहां से लगातार चुनाव जीता था लेकिन साल 2014 के बाद से यहां तृणमूल कांग्रेस जीत रही है. लेकिन अमित शाह के रोड शो में उमड़ी भीड़ से बीजेपी को भविष्य सुनहरा नजर आ रहा है.
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