सौ से अधिक दिन हो गए किसान आंदोलन अब भी जारी है. जिसका असर यूपी, पंजाब, हरियाणा में देखने को मिल रहा है. लेकिन इसे राजनीतिक तौर पर दूसरे राज्यों में भी पहुंचाने के लिए किसानों ने कमर कस ली है. 13 मार्च के दिन संयुक्त किसान मोर्चा बंगाल में किसान रैलियां करने जा रहा है. इन रैलियों के बारे में बताते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- ''13 तारीख को हम पश्चिम बंगाल में मीटिंग करेंगे. नंदीग्राम और कोलकाता में पंचायत करेंगे. वहां के किसानों से बात करेंगे और पूछेंगे कि क्या उन्हें MSP मिल रहा है? उसका लाभ कभी मिला है? वहां सभी चीजों पर चर्चा करेंगे.''
आपको बता दें कि 12 मार्च के दिन यानी आज किसान नेता राकेश टिकैत जोधपुर जा रहे हैं, जहां वे जोधपुर के पीपाड़ में होने जा रही किसान सभा को संबोधित करेंगे. इसी तरह आगे भी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपनी बैठक में आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 26 मार्च को किसान आंदोलन के चार महीने पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा. इससे पहले 15 मार्च के दिन किसान, कॉरपोरेट विरोधी दिवस व सरकार विरोधी दिवस मनाएंगे. जिसमें डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ DM और SDM को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
इसी दिन देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य जन अधिकार संगठनों के साथ 26 मार्च के लिए प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक कंवेंशन की जाएगी. 19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और FCI और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
23 मार्च को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के धरनों में शामिल होंगे. इस तरह 26 मार्च के दिन, किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर पूर्ण भारत बंद किया जाएगा. इसके बाद 28 मार्च के दिन देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे.
आशुतोष मिश्रा