पश्चिम बंगाल में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. टीएमसी ने शुक्रवार को विधानसभा की 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. हालांकि इस ऐलान के बाद से कई नेताओं के यहां मायूसी छाई हुई है. टिकट कटने से नाराज कार्यकर्ता और समर्थकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. साउथ 24 परगना में भानगर और नॉर्थ 24 परगना के अमदांगा में मौजूदा विधायक अराबुल इस्लाम और रफिकुर रहमान के समर्थकों ने टीएमसी ऑफिस के बाहर जमकर बवाल काटा. रफिकुर रहमान के समर्थकों ने सड़क जाम कर अपना विरोध जताया.
वहीं हुगली में वरिष्ठ विधायक रविंद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा कि वो इस बार अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. वहीं बांकुरा में टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने 'सायंतिका वापस जाओ' के नारे लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया. मौजूदा विधायक सांपा दरिपा ने टिकट नहीं दिए जाने को लेकर प्रशांत किशोर के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.
कई नेता ऐसे भी थी जिन्होंने खुलेआम तो नाराजगी जाहिर नहीं की. हालांकि कुछ नाराज नेताओं ने बीजेपी नेता मुकुल रॉय से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद यह भी चर्चा में रहा कि कहीं कुछ और टीएमसी नेता बीजेपी में तो नहीं जा रहे हैं.
टीएमसी के पूर्व विधायक दिनेश बजाज, शुक्रवार शाम को मुकुल रॉय के घर पहुंचे थे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टीएमसी के हिंदी भाषी नेताओं का अपमान किया जा रहा है. हावड़ा सीट से वर्तमान विधायक संकरेल शीतल सरदार ने भी टिकट नहीं दिए जाने के बाद मुकुल रॉय से मुलाकात की.
टिकट नहीं दिए जाने के बाद से टीएमसी समर्थकों का गुस्सा खुलकर बाहर दिख रहा है. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने मौजूदा हालात पर चुटकी लेते हुए कहा कि टीएमसी ने नारा दिया था खेला होबे.. और टीएमसी में यह शुरू हो गया है.
इंद्रजीत कुंडू