केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के अंतिम दिन शांति निकेतन जाने के बीजेपी और टीएमसी अपने-अपने मतलब निकाल रही है. जहां एक तरफ टीएमसी का कहना है कि आउटसाइडर की छवि को हटाने के लिए शाह शांति निकेतन में गए तो वहीं बीजेपी इस बात पर सहमत नजर नहीं आई. (Photo: Twitter)
बीबीसी की खबर के अनुसार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दो दिन के दौरे के आखिरी दिन क्या बाहरी का तमगा हटाने के लिए ही बीरभूम जिले में शांति निकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय पहुंचे थे? क्या इसका एक मकसद रवींद्रनाथ टैगोर की प्रशंसा कर बीते लोकसभा चुनावों से पहले ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा टूटने से हुए नुकसान की भरपाई भी थी? शाह के दौरे से गरमाती राजनीति के बीच यहां राजनीतिक हलकों में यही सवाल उठ रहे हैं. (Photo: Twitter)
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मानें तो इसका जवाब हां में है और बीजेपी के नेता इस बात से सहमत नजर नहीं आ रहे. ध्यान रहे कि ममता बनर्जी और टीएमसी के तमाम नेता बीजेपी और उसके नेताओं को बाहरी बताते रहे हैं. ममता बार-बार कहती रही हैं कि बंगाल के लोग ही यहां राज करेंगे, गुजरात के नहीं. (Photo: Twitter)
अमित शाह अपने दौरे में इस रणनीति की काट के लिए ही राज्य की तमाम विभूतियों से जुड़ी जगहों का दौरा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि विश्वभारती विश्वविद्यालय का स्थान सबसे ऊपर है. (Photo: Twitter)
अपने दौरे के आखिरी दिन 20 दिसंबर को अमित शाह ने विश्व भारती में जाकर रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी के आवासों को देखा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद उन्होंने उपासना गृह का दौरा किया और बाद में अपने सम्मान में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकलने से पहले पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कविगुरू की सराहना की थी. (Photo: Twitter)
वहां से निकलने के बाद उन्होंने पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ बाउल कलाकार बासुदेव दास के घर दोपहर का भोजन किया और उसके बाद रोड शो किया. रोड शो में शाह ने दावा किया कि बंगाल में बदलाव की बयार तेज हो गई है और रोड शो में जुटी भीड़ इसका सबूत है. बाउल कलाकार के घर भोजन के बाद उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि बाउल कला बहुमुखी बांग्ला संस्कृति का सही प्रतिविंब है. (Photo: Twitter)
विश्व भारती के दौरे पर टीएमसी ने कहा है कि गुरुदेव के विचारों को जाने बिना बीजेपी अपने सियासी फायदे के लिए उनका इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही है.पार्टी के नेता सुब्रत मुखर्जी कहते हैं कि बीजेपी बाहरी है. वह बंगाल के महापुरुषों का महत्व समझे बिना उनका राजनीतिक इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही है. उसे बंगाल की संस्कृति की समझ नहीं है.
वहीं, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ऐसा नहीं मानते. उनका कहना है कि रवींद्रनाथ सिर्फ बंगाल के ही नहीं पूरे देश के गौरव हैं. अमित शाह का दौरा सामान्य दौरा था. पहले दिन वे मेदिनीपुर गए और दूसरे दिन विश्व भारती गए. इसका कोई सियासी मतलब नहीं था. (Photo: Twitter)