बंगाल चुनाव में मतुआ समुदाय ने राजनीतिक रूप से अहम भूमिका निभाई है. बीजेपी जहां CAA को अपना प्रमुख हथियार मान रही है और पीएम मोदी व अमित शाह मतुआ समुदाय को भरोसा दिला रहे हैं, वहीं ममता बनर्जी SIR प्रक्रिया के कारण मतुआ वोटरों में चिंता फैला रही हैं. मतुआ समुदाय बंगाल की अनुसूचित जाति आबादी का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो चुनावी नतीजों को प्रभावित करता है.