बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हुए कहा गया है कि महिलाओं को दस हजार रुपए नकद दिए जाने और जनता दल यूनाइटेड के मजबूत प्रदर्शन ने बीजेपी को बहुमत दिलाने में मदद की. राजद के वादे पूरे नहीं हो पाए और महागठबंधन कमजोर दिखा. सीमांचल में ओवैसी फैक्टर भी बढ़ा जबकि प्रशांत किशोर की पार्टी पिछड़ गई। गठबंधन में सीट शेयरिंग और एकजुटता की कमी साफ नजर आई.