बिहार के चर्चित पूर्व IPS अधिकारी शिवदीप डब्ल्यू. लांडे, जिन्हें लोग "बिहार का सिंघम" कहकर पुकारते थे, राजनीति की पहली पारी में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं. अररिया और जमालपुर- दोनों सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने वाले लांडे को न सिर्फ हार झेलनी पड़ी, बल्कि लोकप्रियता भी वोटों में तब्दील नहीं हो पाई.
अररिया से 20 राउंड की गिनती के बाद उन्हें सिर्फ 3548 वोट मिले, जबकि सीट कांग्रेस उम्मीदवार अबिदुर रहमान ने 91,529 वोटों के साथ जीत हासिल की. जमालपुर, जहां लांडे की उम्मीदवारी ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी, यहां भी जनता ने उन्हें मौका नहीं दिया. जेडीयू उम्मीदवार नचिकेता मंडल ने 96,683 वोट पाकर जीत दर्ज की और लांडे को तीसरे पायदान पर धकेल दिया.
49 वर्षीय शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. उनके हलफनामे के अनुसार, उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं था. उनकी कुल संपत्ति ₹20.4 करोड़ और देनदारियां ₹2.7 करोड़ थीं. पुलिस सेवा में अपनी सख्त कार्रवाई और जनता से मजबूत जुड़ाव के लिए पहचाने जाने वाले लांडे की राजनीतिक शुरुआत चुनावी सफलता हासिल नहीं कर पाई.
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पीएम ने जनता को दिया धन्यवाद
इधर, पूरे बिहार में NDA ने विधानसभा की 243 सीटों में से 200 सीटों का आंकड़ा पार करते हुए एक प्रचंड जनादेश हासिल किया है, जिसने महागठबंधन का लगभग सफाया कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाते हुए बिहार की जनता को "जबरदस्त जनादेश" देने के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने इस जीत को लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि इससे भारत के चुनाव आयोग में जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नागरोटा और ओडिशा के नुआपाड़ा में हुए उपचुनावों में बीजेपी की जीत के लिए भी मतदाताओं का आभार व्यक्त किया.
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