तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. उससे पहले प्रदेश में राजनीतिक हलचल तब तेज हो गई जब अनबुमणी रामदास के नेतृत्व वाली पीएमके ने अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके को 17 दिसम्बर को होने वाले राज्यव्यापी जाति आधारित सर्वे आंदोलन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा.
यह निमंत्रण पीएमके नेता और वकील के बालू ने टीवीके के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सौंपा. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं.
टीवीके की स्थापना के समय से ही पार्टी जाति आधारित सर्वे के समर्थन में रही है, जबकि पीएमके लंबे समय से राज्य में सर्वे कराए जाने की मांग करती रही है. पीएमके का कहना है कि यह सर्वे रिजर्वेशन को सबूत आधारित बनाने और नीतियों को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है.
के बालू ने मीडिया से कहा कि टीवीके को आंदोलन में शामिल होना चाहिए क्योंकि दोनों पार्टियों का मत इस मुद्दे पर एक जैसा है. उन्होंने कहा कि कई अन्य दलों को भी न्योता दिया गया है, लेकिन डीएमके को नहीं, क्योंकि पार्टी के अनुसार डीएमके इस सर्वे के पक्ष में नहीं है.
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हालांकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले ही विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर चुके हैं, जिसमें केंद्र से राष्ट्रीय जनगणना के साथ जाति आधारित जनगणना जोड़ने की मांग की गई थी. उनका कहना है कि कानूनी अधिकार केंद्र के पास है और इसलिए सर्वे वही करा सकता है.
इसी बीच पीएमके के भीतर भी तनाव उजागर हुआ है. अनबुमणी रामदास ने आंदोलन की घोषणा की, लेकिन पार्टी के संस्थापक डॉ. एस रामदास के समर्थक नेताओं ने कहा कि यह निर्णय उनकी सहमति के बिना लिया गया है.
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