केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों ने मतदान प्रतिशत के मामले में लगभग 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. राज्य चुनाव आयुक्त ए. शाहजहां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 1995 में पहली बार स्थानीय चुनाव कराए जाने के बाद से अब तक किसी भी चुनाव में इतना अधिक मतदान दर्ज नहीं हुआ था. इस बार कुल मिलाकर 73.69 प्रतिशत मतदान हुआ.
पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को हुई थी, जिसमें 70.91 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. दूसरे चरण में यह आंकड़ा और बढ़ गया और 76.08 प्रतिशत मतदाता वोट डालने पहुंचे. कुल मिलाकर 2.1 करोड़ से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग का कहना है कि लोगों की यह भागीदारी दिखाती है कि वह कितने जागरूक हैं.
शाहजहां ने बताया कि वोटों की गणना 13 दिसंबर की सुबह 8 बजे से शुरू होगी. राज्य भर में 244 काउंटिंग सेंटर और 14 कलेक्टरेट तैयार किए गए हैं. इसके बाद 21 दिसंबर को चुने गए पंचायत सदस्यों और नगर पालिका प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण सुबह 10 बजे होगा, जबकि निगम पार्षदों की शपथ 11 बजे आयोजित की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि दोनों चरणों की वोटिंग शांतिपूर्ण रही और ग्रीन प्रोटोकॉल तथा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का पालन सख्ती से किया गया. चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि केवल 1.37 प्रतिशत ईवीएम को तकनीकी वजहों से बदला गया, जो कि बेहद कम संख्या है और प्रक्रिया की सुचारू व्यवस्था को दर्शाता है.
राज्य चुनाव आयुक्त ने सभी मतदाताओं, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और चुनाव कर्मियों का धन्यवाद किया. उन्होंने निर्देश दिया कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए सभी बैनर और झंडे तुरंत हटाए जाएं, अन्यथा लागत संबंधित पार्टी से वसूली जाएगी.
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