राजधानी पटना में आयोजित 'पंचायत आजतक बिहार' के मंच पर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि एनडीए की सरकार बनी तो बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर कोई अंदरूनी विवाद नहीं होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि 2020 के चुनाव के अनुभव से भी साबित होता है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चलाने में सक्षम हैं और इसमें कोई बाधा नहीं है.
संजय झा ने मंच से कहा, राजनीति में सब कुछ चुनाव के रिजल्ट के बाद परिस्थितियों पर निर्भर करता है. लेकिन 2020 में भी मैंने कहा था कि हमारे नंबर 43 (सीटें) थे और बीजेपी ने 73 या 74 सीटें जीती थीं. नतीजे के बाद नीतीश जी ने खुद बीजेपी लीडरशिप को ऑफर किया कि आप अपना मुख्यमंत्री बना लीजिए. हम लोग सरकार में सहयोग करेंगे. लेकिन बीजेपी ने नीतीश जी पर भरोसा जताया. उसके बाद पांच साल साथ में सरकार चलाई.
उन्होंने आगे कहा, मैंने पहले भी कहा कि बीजेपी के साथ सरकार चलाने में नीतीशजी को कोई दिक्कत नहीं आती है.
उन्होंने बिहार की आर्थिक प्रगति का भी जिक्र किया और कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने कई क्षेत्रों में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की. जब नीतीश जी आए, तब राज्य में सड़कों का क्या हाल था. हमने तेजी से राज्य में विकास किया. आगे केंद्र के सहयोग से विकास कार्य आगे बढ़ाते रहेंगे.
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जेडीयू नेता ने मंच पर यह भी बताया कि सरकार के सहयोग और कुशल नेतृत्व की बदौलत बिहार ने कोरोना संकट में भी विकास की रफ्तार नहीं रोकी. झा ने स्पष्ट किया कि आने वाले चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए के सीएम फेस रहेंगे और किसी भी तरह के अंदरूनी खेल की संभावना नहीं है.
एकनाथ शिंदे के साथ क्या हुआ था?
दरअसल, 2024 के विधानसभा चुनाव के वक्त महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार थी और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे. चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटें जीतीं. शिवसेना को 57 सीटें मिलीं. नतीजे के बाद बीजेपी हाईकमान ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया और शिंदे को डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया.
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