बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार जोर-शोर से चल रहा है, लेकिन महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. सीट बंटवारे को लेकर हो रही देरी पर वाम दलों ने नाराज़गी जताई है. CPI और CPM के नेता गुरुवार को एक साथ मीडिया के सामने आए और स्पष्ट कहा कि सीट शेयरिंग में जल्द फैसला होना चाहिए, अन्यथा चुनावी तैयारी में उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा.
CPI ने इस बार 24 सीटों की मांग रखी है, जबकि CPM ने 11 सीटों की मांग की है. 2020 के विधानसभा चुनाव में CPI को 6 सीटें और CPM को 4 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार दोनों दल अपने जनाधार बढ़ने का दावा करते हुए ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं.
वाम दलों ने महागठबंधन के बड़े सहयोगी दलों से बड़ा दिल दिखाने और त्याग करने की बात कही. उनका कहना है कि चंदा जुटाकर चुनाव लड़ने वाली लेफ्ट पार्टियों को सीट बंटवारे में देरी से नुकसान होगा. CPI और CPM का दावा है कि वे सहयोगी दलों को सबसे मज़बूती से वोट ट्रांसफर कराते हैं और उन्होंने जमीनी मुद्दों को उठाकर अपना जनाधार बढ़ाया है.
CPI-CPM ने बताया कि उन्होंने महागठबंधन की कॉर्डिनेशन कमेटी में अपनी मांगें रख दी हैं और उन्हें सम्मानजनक सीट बंटवारे की उम्मीद है. साथ ही यह भी साफ किया कि चुनाव में उतरने के लिए उन्हें तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित करना होगा.
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शशि भूषण कुमार