AIADMK ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता केए सेंगोट्टैयन को पार्टी के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. पार्टी ने ये कार्रवाई उनके उस बयान के बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने पार्टी से निष्कासित नेताओं को फिर से शामिल करने की मांग की थी. सेंगोत्तैयान ने अपने इस बयान के पीछे पार्टी की एकता पर जोर दिया था.
दरअसल, शुक्रवार को बोलते हुए उन्होंने पार्टी की एकता की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 'अगर हम उन (गुटों) को फिर से वापस लाएं जो हमें छोड़कर चले गए थे तो हम चुनाव जीत सकते हैं. हमें उन लोगों को स्वीकार करना चाहिए और शामिल करना चाहिए जो हमें छोड़कर चले गए हैं. उन्होंने तो यहां तक कहा कि उनकी एकता की कोई मांग नहीं है.'
सेंगोट्टैयन ने ये भी खुलासा किया कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) से मुलाकात की थी और निष्कासित नेताओं को वापस लाने का सुझाव दिया था.
'मैं पार्टी को एकजुट...'
उन्होंने कहा, 'मैं एक एकजुट एआईएडीएमके के लिए काम कर रहा हूं. हार के बाद हमने ईपीएस को सुझाव दिए, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी और न ही उसका पालन किया.'
ईपीएस से मतभेद
तमिलनाडु के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले सेंगोट्टैयन हैं. बताया जा रहा है कि वह पिछले कई महीनों से पार्टी के कामकाज से नाखुश थे. ईपीएस के जुलाई 2022 में महासचिव बनने और पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम (ओपीएस) को बाहर निकालने के बाद से पार्टी ने 2016 के बाद कोई चुनाव नहीं जीता है. सेंगोत्तैयान का बयान सीधे तौर पर ईपीएस के नेतृत्व पर सवाल उठाता था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
ये घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब AIADMK आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. पार्टी ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और NDA के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
aajtak.in