पीएचडी के लिए अब रेगुलर यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं...

अब डॉक्टरेट (पीएचडी) करने के लिए रेगुलर कोर्सेस के बजाय डिस्टेंस कोर्सेस की ओर भी रुख कर सकते हैं स्टूडेंट्स. यूजीसी ने जारी किए सर्कुलर.

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विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

यह खबर उन तमाम छात्र-छात्राओं के लिए उत्साहवर्धक हो सकती है जो किन्हीं कारणों से डॉक्टरेट नहीं कर सके हैं और आगे ऐसा करने के लिए इच्छुक हैं. मानव संसाधन मंत्रालय ने इसके बाबत यूजीसी के मानकों में छूट की बात कही है. अब मानविकी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में IGNOU समेत और भी कई यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस डॉक्टरेट की शुरुआत होगी.
इसके मद्देनजर मानव संसाधन मंत्री ने IGNOU के वाइस चांसलर समेत और भी 14 खुले विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की शुरुआत होगी. ऐसी सुविधा गैर टेक्निकल कोर्सेस के लिए है.

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जानें विस्तार से...
मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि मानविकी और सामाजिक विज्ञान में पीएचडी (डॉक्टरेट) की शुरुआत होगी. इस पर यूजीसी के साल 2016 के रेगुलेशन लागू होंगे.
IGNOU के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि डॉक्टरेट कोर्सेस कुछ साल पहले भी शुरू हुए थे. हालांकि, नए सर्कुलर के बाद ऐसे कोर्सेस फिर से शुरू होंगे.
अब ओपन यूनिवर्सिटी डिस्टेंस डॉक्टरेट ऑफर करेंगे. यूजीसी ने इस बात को स्पष्ट किया है कि यूनिवर्सिटी तमाम मानकों को मानने का काम करें. इसका मतलब है कि हर स्टूडेंट को 6 माह का वर्क कोर्स करना पड़ेगा. ऐसा रेगुलर कोर्सेस में भी होता है.
अब दफ्तर आने-जाने वाले लोग भी डॉक्टरेट कर सकेंगे. गैर-टेक्निकल कोर्सेस में डॉक्टरेट के लिए लेबोरेट्री और प्रैक्टिकल परीक्षा की जरूरत नहीं होती.

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