दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में वीर सावरकर की प्रतिमा स्थापित करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. शुक्रवार को तो इस मामले में दो छात्र संगठनों में झड़प होने के बाद पुलिस ने स्थितियां संभालीं और पूरे कैंपस को मानो छावनी में बदल दिया. शुक्रवार पूरे दिन कैंपस में हंगामा चलता रहा.
बता दें कि डीयू छात्र संघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने करीब तीन-चार दिन पहले बिना यूनिवर्सिटी प्रशासन की मंजूरी के वीर सावरकर, भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कराई थीं. इसे लेकर डीयू का माहौल गर्माया हुआ है.
इसी क्रम में शुक्रवार को वाम संगठन पछास ने वीर सावरकर का लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसे पुलिस ने बंद कराने का प्रयास किया. इस पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई और पुलस ने वाम छात्र संगठन के दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
संगठन की तरफ से नार्थ कैंपस आटर्स फैकल्टी के बाहर वीर सावरकर की आजादी लड़ाई की भूमिका को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था. इसमें छात्रों से भगत सिंह व सुभाष चंद्र बोस के साथ सावरकर की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर विरोध करते हुए समर्थन मांगा जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक इसमें दूसरे संगठन ने आकर विरोध शुरू कर दिया, जिस पर स्थितियां बिगड़ने लगीं
इस पर पुलिस ने तनावपूर्ण माहौल का हवाला देते हुए प्रदर्शन को तितर-बितर करने की कोशिश की. मगर पुलिस के मना करने पर भी प्रदर्शनकारी डटे रहे. इस पर पुलिस ने बल प्रयोग किया, तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों के बीच झड़प की स्थिति हो गई.
अक्षय लाकड़ा ने डिएक्टिवेट किया अपना एफबी एकाउंट
वहीं बुधवार की रात वीर सावरकर की मूर्ति पर जूते की माला चढ़ाने और कालिख पोतने वाले एनएसयूआई दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने अपना फेसबुक एकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया है. अक्षय के अनुसार फेसबुक मैसेंजर पर उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी. वहीं अक्षय का ये भी कहना है कि उनका नम्बर सार्वजनिक करके उन्हें फोन करने के लिए लोगों को कहा जा रहा है, जिसके चलते उन्हें पूरा दिन धमकी भरे फोन और मैसेज मिल रहे है.
मानसी मिश्रा