नॉर्थ ईस्ट दिल्ली का मौजपुर इलाका. यहां की अखाड़े वाली गली में मौजूद अरुण कुमार सिंह के घर पर बीते कुछ दिनों से बड़ी रौनक है. हो भी क्यों ना. आखिरकार उनके लड़के शिवम कुमार सिंह ने देश की प्रतिष्ठित और मुश्किल परीक्षाओं में शुमार UPSC की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर ली है. पड़ोसी-रिश्तेदारों के साथ-साथ विधायक और सांसद तक शिवम को बधाई देने उनके घर पहुंचे.
बिना कोचिंग क्रैक किया यूपीएससी एग्जाम
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 16 अप्रैल 2024 को सिविल सेवा परीक्षा 2023 के नतीजे घोषित किए थे. रिजल्ट जारी होने के बाद चयनित हुए उम्मीदवारों की संघर्ष और कामयाबी की कहानी युवाओं को मोटिवेट कर रही है. मौजपुर (नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली) के रहने वाले शिवम कुमार भी उन्हीं में से एक हैं. उन्होंने बिना किसी कोचिंग यह उपलब्धि हासिल की है.
aajtak.in से बात करते हुए शिवम ने बताया कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के ऑनलाइन पढ़ाई करके UPSC एग्जाम पास किया है. इसके साथ-साथ वह लोकल एरिया की लाइब्रेरी और मॉक टेस्ट की मदद लेते थे.
IRS के लिए सिलेक्ट हो सकते हैं शिवम
यूपीएससी सीएसई 2023 में शिवम कुमार सिंह को ऑल इंडिया रैंक (UPSC AIR) 637 मिली है. कुल 2025 नंबर्स में से उन्हें 937 अंक मिले हैं. शिवम को उम्मीद है कि रैंक के हिसाब से वह IRS यानी भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Services) अफसर बन सकते हैं.
पहले दो अटेंप्ट में प्री भी नहीं हुआ था क्लियर, तीसरे में मिली सफलता
अपने सफर के बारे में शिवम ने बताया कि उन्होंने 12वीं में साइंस साइड (विद बायो) से पढ़ाई की थी. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से उन्होंने B.Sc की, जो 2019 में पूरी हुई.
इसके बाद दो साल उन्होंने सिविल सर्विसेज (UPSC CSE) की तैयारी की. उन्होंने साल 2021 में पहला अटेंप्ट दिया. लेकिन वह क्वालिफाई नहीं हो पाए. 2022 में दूसरे अटेंप्ट में भी निराशा मिली, इसमें वह Civil Services Aptitude Test यानी CSAT में क्वॉलिफाई नहीं कर पाए थे. फिर भी हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी.
इसके बाद 2023 में उन्होंने अपनी मेहनत और बढ़ा दी जो आखिरकार रंग लाई. शिवम ने ना सिर्फ प्री क्वालिफाई किया, बल्कि मेंस और इंटरव्यू पास करके UPSC सीएसई क्रैक कर लिया.
...लक्ष्य तो IAS ही है
शिवम ने भले ही UPSC सीएसई क्लियर कर लिया हो लेकिन अभी वह अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं हैं. फिलहाल उनकी उम्र 25 साल है और उनके पास तीन अटेप्ट बचे हैं. ऐसे में फिलहाल सर्विस ज्वॉइन करके तैयारी जारी रखेंगे और अच्छी रैंक के लिए फिर से एग्जाम देंगे. क्योंकि उनका लक्ष्य IAS बनना है.
पिता ने बचपन में दिखाया था सपना, सच कर दिखाया
अपने सफर को याद करते हुए शिवम ने कहा, 'मेरे पिताजी जो कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हैं उन्होंने मुझे सिविल सर्विस के बारे में बताया था. तब मैं पांचवी या छठी क्लास में रहा होउंगा. तब से ठान लिया था कि ये पेपर मुझे कभी ना कभी जरूर निकालना है.'
तैयारी के दौरान हुए फेलियर पर बात करते हुए वह बोले, 'दो बार एग्जाम क्लियर नहीं हुआ तो बुरा लगा. घरवाले मेरा हर तरह से सपोर्ट तो करते थे लेकिन खुद से बुरा लगता था कि इकलौता बेटा होने के बावजूद मैं उनको आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं कर पा रहा. लेकिन आखिर में परिवार का बलिदान और परिश्रम सफल हुआ जिसकी मुझे खुशी है.'
इंटरव्यू में क्या सवाल पूछे गए थे?
शिवम ने बताया कि UPSC के मेंबर सुमन शर्मा के पैनल ने उनका इंटरव्यू लिया था. शिवम बोले, 'मैंने कभी कोई नौकरी नहीं की थी. ये मेरे जीवन का पहला इंटरव्यू था.'
शिवम के मुताबिक, इंटरव्यू में उनसे मणिपुर हिंसा, इलेक्ट्रिक व्हीकल की चुनौतियों, लीथियम मार्केट, चीन संग भारत के संबंध पर सवाल और राय पूछी गई थी.
विष्णु रावल