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ऑपरेशन ब्लू स्टार के नायक थे बरार, ऐसे किया खालिस्तानियों का खात्मा

मोहित पारीक
  • 06 जून 2018,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST
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आज 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 34वीं बरसी है और सिख धर्म के पवित्र स्थलों में से एक स्वर्ण मंदिर में की गई सेना की कार्रवाई को ऑपरेशन ब्लू स्टार कहा जाता है. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानी उग्रवादियों को बाहर करने के लिए इस पवित्र स्थल में प्रवेश किया था. इस ऑपरेशन के नायक थे कमांडर मेजर जनरल कुलदीप सिंह बरार, जो इस कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले तीन टॉप अधिकारियों में से एक थे.

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ऑपरेशन में कुलदीप सिंह बरार के साथ थे चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल रंजीत सिंह दयाल और पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल सुंदर जी, जिन्होंने इसकी योजना बनाई थी. उस समय भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एएस वैद्य थे.

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बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1984 में जनरल बरार मेरठ में 9 इनफेंट्री डिवीजन को कमांड कर रहे थे, तब उन्हें अमृतसर बुलाया गया और अपनी मनीला यात्रा स्थगित करने के लिए भी कहा गया और यह ऑपरेशन सफल रहा था. उस दौरान उन्होंने बिना टैंक की मदद से और स्वर्ण मंदिर को नुकसान पहुंचाए बिना इसे अंजाम दिया था.

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बरार को आंतकवादियों के खिलाफ कमान सौंपी गयी. बरार को समझाया गया था कि पंजाब में आम जनता का विद्रोह हो सकता है इसलिए 48 घंटों के भीतर स्वर्ण मंदिर को नुकसान पहुंचाए बिना उसे आतंकियों से खाली करवाना है.

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ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान 83 जवान शहीद हुए थे, जबकि 249 घायल हुए. वहीं 493 आतंकवादी या आम नागरिक कार्रवाई में मारे गए. वहीं 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ्तार किया गया.

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बता दें कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के साथ कुलदीप सिंह बरार को भारत पाकिस्तान युद्ध-1971 के लिए भी जाना जाता है. वे इस युद्ध के भी हीरो थे. 16 दिसंबर 1971 को ढाका में प्रवेश करने वाले वह पहले भारतीय सैनिकों में से एक थे.

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1934 में जन्में बरार ने 1954 में लेफ्टिनेंट के रुप में सेना ज्वॉइन की थी. कुछ साल पहले बरार पर लंदन में हमला भी हुआ था और उन्हें चेहरे और गले पर गहरे घाव लगे थे. हालांकि बाद में दोषियों को सजा भी सुना दी गई थी.

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जमालपुर की लड़ाई में असाधारण वीरता दिखाने के लिए उन्हें भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार वीर चक्र दिया गया था. वहीं उन्हें परम विशिष्ठ सेवा मेडल और अति विशिष्ठ सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया था.

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उन्होंने बीबीसी से बातचीत में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अपने जीवन की सबसे कठिन लड़ाई बताया, लेकिन उनका ये भी कहना था कि हालात इतने बिगड़ चुके थे कि सरकार के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया था.

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