दुनिया का पहला इस्कॉन मंदिर भारत में नहीं बल्कि विदेश में बनाया गया था. ये मंदिर अंग्रेजों ने बनवाया था. दुनिया के पहले इस्कॉन मंदिर का निर्माण न्यूयॉर्क में 1966 में हुआ था. इस मंदिर की स्थापना श्रीकृष्णकृपा श्रीमूर्ति श्री अभय चरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी.
(न्यूयॉर्क में स्थित इस्कॉन मंदिर- फोटो इस्कॉन की आधिकाकिक साइट से)
आपको बता दें, ISKCON का पूरा नाम International Society for Krishna Consciousness है. जिसे हिंदी में अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन कहा जाता है.
इस मंदिर का पावन भजन "हरे रामा हरे रामा कृष्णा" है. जिसे विदेश के लोग भी गाते हैं.
क्यों हुई मंदिर की स्थापना
भगवान कृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए स्वामी प्रभुपाद ने इस्कॉन मंदिर की स्थापना की थी. स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1896 में कोलकाता में हुआ था. साल 1968 में प्रयोग के तौर पर वर्जीनिया, अमेरिका की पहाड़ियों में नव-वृन्दावन की स्थापना की गई थी. 14 नवंबर 1977 में उनका निधन प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मथुरा के वृन्दावन धाम में हो गया था.
बैंगलोर में बना हुआ इस्कॉन मंदिर सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है. इस मंदिर की स्थापना साल 1997 में की गई थी.
(फोटो- इस्कॉन बैंगलोर की आधिकारिक वेबसाइट iskconbangalore.org से)
वहीं साल 1975 में वृंदावन में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई थी. इस मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं
बता दें, इस्कॉन मंदिर का हेडक्वार्टर पश्चिम बंगाल के मायापुर में है, इसकी स्थापना 1972 में की गई थी.
फोटो- visitmayapur.com से
नई दिल्ली में साल 1984 में इस्कॉन मंदिर की स्थापना हुई थी. जबकि 1978 में मुंबई में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई थी.
फोटो- iskcondelhi.com