बता दें, इंदिरा और फिरोज की लवस्टोरी काफी चर्चित रही थी. दोनों की मुलाकात 1930 में हुई थी.
आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने के दौरान बेहोश हो गई थीं. उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की थी. कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए फिरोज अक्सर उनके घर जाते थे.
वहीं इंदिरा के पिता जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे.
आपको बता दें, दोनों ने महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के बाद शादी इलाहाबाद में की थी. जिसके फिरोज को बापू ने अपना सरनेम भी दिया. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिरा और फिरोज साथ में जेल भी गए. हालांकि शादी के बाद दोनों के बीच काफी लड़ाइयां हुईं.
1949 में इंदिरा दोनों बच्चों (राजीव और संजय गांधी) के साथ अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं जबकि संजय लखनऊ में ही रहे. लेकिन उनका तलाक नहीं हुआ था.
यहीं से फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया और कई बड़े घोटालों को उजागर किया. बाद के सालों में फिरोज गांधी की तबीयत खराब होने लगी. उस दौरान उनकी देखभाल के लिए इंदिरा गांधी मौजूद थीं. 8 सितंबर, 1960 को हार्ट अटैक से फिरोज गांधी का निधन हो गया था.