शिक्षकोें से मुलाकात के बाद बोलीं सीएम ममता- 'मुझे जेल भी जाना पड़ सकता है, लेकिन इसकी परवाह नहीं '

West Bengal Teacher Recruitment Scam: शिक्षकों के साथ बंगाल सीएम ममता बनर्जी की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में सीएम ने कहा- मैं कोई राजनीतिक रंग नहीं देखना चाहती. हम नौकरी गंवाने वालों के हितों की रक्षा करने के अपने कर्तव्य से इनकार नहीं कर सकते.

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ममता बनर्जी- फाइल फोटो ममता बनर्जी- फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

West Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में बर्खास्त शिक्षकों के एक वर्ग से मुलाकात की और उनका समर्थन करने की कसम खाई और आश्वासन दिया कि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार नहीं रहेंगे. यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती के माध्यम से की गई 25,752 स्कूल नौकरियों की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखने के कुछ दिनों बाद हुआ है.

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नौकरी खो चुके शिक्षकों से की मुलाकात
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रूप में अपनी नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है. हम पत्थर दिल नहीं हैं, और मुझे ऐसा कहने के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं कि पात्र उम्मीदवार बेरोजगार न हों या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए. मेरा नाम ऐसी चीज़ में घसीटा जा रहा है जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है".

कुछ लोग गुमराह करने की कर रहे कोशिश
इस बैठक में सीएम ने कहा- मैं कोई राजनीतिक रंग नहीं देखना चाहती. हम नौकरी गंवाने वालों के हितों की रक्षा करने के अपने कर्तव्य से इनकार नहीं कर सकते. स्कूली नौकरियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधी हुई हैं, लेकिन स्थिति को अत्यंत सावधानी और निष्पक्षता से संभालने के लिए सक्रिय कदम उठा रही हैं. मैं उन लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हूं जिन्होंने आपकी नौकरियां छीन लीं.आरजी पटना पहुंच गए हैं और संविधान सुरक्षा सम्मेलन के लिए रवाना हो गए हैं. जो लोग एक भी नौकरी नहीं दे सके, वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. ममता ने सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता विकास रंजन भट्टाचार्य पर हमला किया, जिन्होंने अवैध नियुक्तियों को लेकर सरकार को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

ममता ने सीपीआईएम नेता के राजनीतिक बहिष्कार का आह्वान किया.  ममता ने कहा -सुप्रीम कोर्ट ने वैध और अवैध नियुक्तियों की सूची नहीं दी. कानूनी उम्मीदवारों के पक्ष में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए हम अभिषेक मनु सिंघवी, प्रशांत भूषण, कपिल सिब्बल, कल्याण बनर्जी से संपर्क करेंगे. उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार फैसले में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. मेरा अनुरोध है कि जो लोग नौकरी नहीं दे सकते, वे लोगों की आजीविका छीनने का प्रयास न करें.

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आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज उन शिक्षकों से मुलाकात की है, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है. सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी द्वारा बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. बैठक स्थल के बाहर यास्मीन परवीन नाम की टीचर ने कहा-हमें सीएम से उम्मीदें हैं. हमने नौकरी पाने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कीं. 7 साल तक नौकरी करने के बाद, अब हम बेरोजगार हैं. हमें अपनी नौकरी वापस चाहिए.

कालीघाट आवास तक मार्च निकालने का आह्वान 
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 26,000 में से 20 शिक्षकों के साथ एक समूह बनाया है, जिनकी नौकरियां रद्द कर दी गई हैं. वे शिक्षक सीएम के साथ मंच पर मौजूद हैं और साथ ही बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु भी मंच पर मौजूद हैं. बंगाल BJP ने शिक्षकों की नौकरी जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास तक मार्च निकालने का आह्वान किया है. ठीक उसी समय जब ममता नेताजी इंडोर स्टेडियम में महत्वपूर्ण बैठक करेंगी. भाजपा के मार्च से पहले शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर शिक्षकों के एक वर्ग से मिलने के लिए निशाना साधा. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बल्कि टीएमसी की नेता हैं.  अगर वह मुख्यमंत्री होतीं तो सभी शिक्षकों से मिलतीं, न कि केवल कुछ शिक्षकों से.

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25,753 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का फैसला
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को पूरी तरह टेंटिड और दूषित करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. जिन उम्मीदवारों की नियुक्तियों को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा गया है उन्हें अपनी सैलरी वापस करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आलोचना की है. इसे 'घोर अन्याय' करार देते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह भाजपा द्वारा रची गई साजिश है, जिसका उद्देश्य इन शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से रोकना है. साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकती.'

सभी उम्मीदवारों की सामूहिक बर्खास्तगी पर उठाया सवाल
ममता बनर्जी ने पूरी भर्ती को रद्द करते हुए सभी उम्मीदवारों की सामूहिक बर्खास्तगी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'सभी नियुक्त शिक्षक दोषी नहीं हो सकते, जिन्हें आप दोषी कह रहे हैं, हमारे पास उनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है. क्या भाजपा सरकार बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है?' हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोर्ट के फैसले पर अमल करेगी और चयन प्रक्रिया को फिर से दोहराएगी. आइए इस पूरे मामले की टाइमलाइन पर नजर डालते हैं. पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की. यह प्रक्रिया शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के आधार पर शुरू हुई. उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे.

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