नेत्रहीन होकर भी नहीं मानी हार, बिहार के रविराज ने UPSC में रचा इतिहास, मां कराती थीं पढ़ाई, पाई AIR 182

रवि राज अपनी आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन उनकी आंखें बनीं उनकी मां. पढ़ने, लिखने, समझाने हर कदम पर मां ने उनका साथ दिया. विभा सिन्हा ने घर के सारे कामों के साथ-साथ, रवि को किताबें पढ़कर सुनाईं, समझाया और जब जरूरत पड़ी, तब खुद से लिखकर रवि की तैयारियों को गति दी.

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UPSC AIR 182 Raviraj With Family UPSC AIR 182 Raviraj With Family

संतोष भगत

  • झारखंड,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

UPSC Success Story: बिहार के नवादा जिले के एक छोटे से गांव महुली के रहने वाले रवि राज ने वो कर दिखाया जिससे आज सभी को उसपर गर्व हो रहा है. दृष्टिबाधित होने के बावजूद, रवि राज ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में ऑल इंडिया 182वीं रैंक हासिल कर पूरे देश में नवादा का नाम रौशन कर दिया है. दृष्टिबाधित होने के बावजूद रवि ने यूपीएससी जैसे एग्जाम को क्लियर कर लिया है. रवि ने दुनिया के सामने यह उदाहरण सेट कर दिया है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं आप हर मुकाम को हासिल कर सकते हैं.

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मां बनीं रविराज की आंखें

रवि राज, किसान रंजन कुमार सिन्हा और विभा सिन्हा के बेटे हैं. पर इस सफलता की कहानी केवल एक छात्र की नहीं, बल्कि एक मां-बेटे की अटूट साझेदारी और संघर्ष की कहानी है. रवि राज अपनी आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन उनकी आँखें बनीं उनकी माँ. पढ़ने, लिखने, समझने हर कदम पर मां ने उनका साथ दिया. विभा सिन्हा ने घर के सारे कामों के साथ-साथ, रवि को किताबें पढ़कर सुनाईं, समझाया, और जब ज़रूरत पड़ी, तब खुद से लिखकर रवि की तैयारियों को गति दी.

रवि बोलते थे, मां लिखती थीं

रवि कहते हैं, “मेरी सफलता में मेरी मां की बराबर की भागीदारी है. उन्होंने अपना जीवन एक विद्यार्थी की तरह जिया, ताकि मैं कुछ कर सकूं.” रवि ने यूपीएससी की पढ़ाई के लिए यू-ट्यूब का सहारा लिया था. उन्होंने बताया कि जब मां रसोई में होती थीं, यूट्यूब पर ऑडियो लेक्चर चलाकर रवि उसे सुनते और फिर पढ़ाई की बातें मां को बोलते, मां उन्हें कागज पर लिखती थीं.

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BPSC भी क्लियर कर चुके हैं रविराज

इससे पहले, रवि ने 69वीं बीपीएससी परीक्षा में भी 490वीं रैंक प्राप्त की थी, और उन्हें रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिली थी. लेकिन उन्होंने उससे छुट्टी लेकर UPSC की तैयारी जारी रखी. रवि की इस सफलता पर नवादा के जिलाधिकारी श्री रवि प्रकाश ने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उन्हें मोमेंटो, मिठाई और पुष्पगुच्छ भेंट कर उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. डीएम ने कहा, “यह उपलब्धि केवल रवि की नहीं, पूरे जिले की है. रवि जैसे प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करना प्रशासन की प्राथमिकता है.”

रवि राज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दयाल पब्लिक स्कूल, नवादा से पूरी की और स्नातक की पढ़ाई सीताराम साहू कॉलेज, नवादा से की. अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता, विशेष रूप से माँ विभा सिन्हा को दिया. डीएम ने विभा सिन्हा की भी प्रशंसा करते हुए कहा, "ऐसी मां को सलाम, जिन्होंने बेटे के सपनों को अपनी आँखों में जगह दी और उन्हें साकार कर दिखाया." रवि राज आज नवादा ही नहीं, पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं, जिन्होंने दिखा दिया कि कठिनाई कितनी भी हो, अगर माँ का साथ हो, और हौसला बुलंद हो, तो कोई मंज़िल दूर नहीं.

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