संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से जल्द ही सिविल सर्विसेज परीक्षा के इंटरव्यू किए जाने हैं. इससे पहले इंटरव्यू की प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने जवाब दिया है. दरअसल, विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे थे कि क्या UPSC परीक्षाओं में OBC, ST या SC उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के बराबर में अंक मिलते हैं? क्या उन्हें इंटरव्यू में जानबूझकर कम नंबर दिए जाते हैं? इस पर केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जवाब दिए हैं.
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एंव पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने अपने जवाब में बताया कि यूपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली इंटरव्यू या पर्सनालिटी टेस्ट प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष है और इसमें किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है. उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि UPSC ने स्पष्ट किया है कि इंटरव्यू बोर्ड का अलॉटमेंट पूरी तरह से रैंडमाइज्ड तरीके से होता है. इस प्रोसेस में किसी भी तरह का कोई पक्षपात नहीं किया जाता है.
उन्होंने ये बात भी स्पष्ट की है कि इंटरव्यू बोर्ड को न तो उम्मीदवार की कैटेगरी मालूम होती है और न ही लिखित परीक्षा में मिले उसके अंक. बता दें कि DMK की सांसद रजति ने सरकार से UPSC के इंटरव्यू से जुड़े 3 सवाल किए थे, जिसके बाद मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जवाब दिया है.
क्या थे वो 3 सवाल?
सवाल करते हुए उन्होंने पूछा था कि क्या UPSC परीक्षाओं में OBC, ST या SC उम्मीदवारों के लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के बराबर में अंक मिलते हैं? क्या उन्हें इंटरव्यू में जानबूझकर कम नंबर दिए जाते हैं जिसके कारण उनकी रैंक कम हो जाती है. अगर ऐसा है तो इसका विवरण क्या है?
उन्होंने दूसरा सवाल किया कि क्या सरकार UPSC के इंटरव्यू में ज्यादा पारदर्शिता लाने की कोई प्लानिंग कर रही है? जिससे आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के साथ भेदभाव न हो सके.
उन्होंने अपने तीसरे सवाल में सरकार से पूछ कि क्या वे इंटरव्यू में ज्यादा पारदर्शिता लाने की कोई प्लानिंग कर रहे हैं? अगर हां तो, सरकार इसका विवरण दे और अगर नहीं तो, इसका कारण बताया.
राज्यसभा में राज्य मंत्री ने दिया जवाब
इन सवालों का जवाब कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में दिया है. उन्होंने बताया कि UPSC ने इस बात को स्पष्ट किया है कि इंटरव्यू बोर्ड्स को किसी भी उम्मीदवार का अलॉटमेंट पूरी रैंडमाइज्ड प्रक्रिया के साथ किया जाता है और ये उस दिन टेस्ट शुरू होने से ठीक पहले किया जाता है.
बोर्ड को कैटेगरी में बारे में नहीं पता होता
जवाब में मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि इंटरव्यू बोर्ड को किसी भी उम्मीदवार की कैटेगरी के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है और न ही उन्हें मेंस एग्जामे में मिले नंबर मालूम होते हैं. उम्मीदवारों को भी इस बात की खबर नहीं होती है कि बोर्ड में कौन-कौन से सदस्य हैं. ऐसे में किसी भी उम्मीदवार के लिए भेदभाव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. कैंडिडेट्स से जुड़ी सारी जानकारी UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाती है.
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