UPSC New Chairman: 1985 बैच के IAS, 40 साल का प्रशासनिक अनुभव... जानिए कौन हैं UPSC के नए चेयरमैन अजय कुमार

UPSC New Chairman: UPSC के चेयरमेन अजय कुमार 1985 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं और उन्होंने अपने प्रशासनिक करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. वे केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं. उनकी प्रशासनिक सूझबूझ और रणनीतिक निर्णय क्षमता के लिए उन्हें जाना जाता है.

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1985 Batch IAS Officer Appointed As UPSC New Chairman (Image: Twitter) 1985 Batch IAS Officer Appointed As UPSC New Chairman (Image: Twitter)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

Who Is UPSC New Chairman: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नया अध्यक्ष मिल गया है. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व रक्षा सचिव और वरिष्ठ प्रशासक डॉ. अजय कुमार को यूपीएससी का नया चेयरमैन नियुक्त किया है. यह पद 29 अप्रैल को पूर्व अध्यक्ष प्रीति सूदन के कार्यकाल पूर्ण होने के बाद रिक्त हो गया था.

कौन हैं अजय कुमार?

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अजय कुमार 1985 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं और उन्होंने अपने प्रशासनिक करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. वे केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं. अजय कुमार ने 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक भारत सरकार के रक्षा सचिव के रूप में सेवाएं दीं. उनकी प्रशासनिक सूझबूझ और रणनीतिक निर्णय क्षमता के लिए उन्हें जाना जाता है.

अनुराधा प्रसाद की नियुक्ति भी हुई

इसके अलावा, पूर्व नौकरशाह अनुराधा प्रसाद ने भी शुक्रवार को UPSC सदस्य के रूप में शपथ ली है. अनुराधा प्रसाद 1986 बैच की ओडिशा कैडर की अधिकारी हैं और उन्होंने अपनी सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वे लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन से अर्थशास्त्र में स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री धारक हैं. इसके अलावा, उन्होंने ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से विकास प्रशासन में मास्टर डिग्री प्राप्त की है.

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है, जिसके माध्यम से IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा), IFS (भारतीय विदेश सेवा), IPS (भारतीय पुलिस सेवा) और कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है.

देश के राष्ट्रपति यूपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति करते हैं. संविधान 316(1) के तहत ये नियुक्ति की जाती है. सदस्य के तौर पर कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के तहत कम से कम 10 साल का अनुभव होता है. राष्ट्रपति के पास ही अध्यक्ष को हटाने की पावर होती है. आपको बता दें UPSC के सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 साल की अवधि तक या 65 साल की आयु प्राप्त कर लेने तक (जो भी पहले हो) अपने पद पर रहते हैं. राज्य आयोग या संयुक्त आयोग के सदस्यों के लिए आयु सीमा 62 साल है.

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