जितनी निकाली वैकेंसी उस हिसाब से कम आए आवेदन, अब UPSC ने उठाए ये कदम

यूपीएससी अब जॉब रिक्तियों को लेकर सीधे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ईमेल अलर्ट भेजेगा. इस नई प्रणाली को शुरू करने के पीछे मकसद ये है कि विभिन्न रिक्त पदों के लिए योग्य उम्मीदवार मिल सके. क्योंकि कई बार समय पर सूचना नहीं मिल पाने की वजह से सही पद के लिए सही कैंडिडेट भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाते हैं.

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यूपीएससी ने वैकेंसी के हिसाब से कम आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिए ईमेल अलर्ट सेवा शुरू की है (Photo - ITG) यूपीएससी ने वैकेंसी के हिसाब से कम आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिए ईमेल अलर्ट सेवा शुरू की है (Photo - ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

अब यूपीएससी नई जॉब  वैकेंसी को लेकर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ईमेल भेजकर इसकी जानकारी देगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकें. इसके लिए आयोग ने नई ईमेल अलर्ट प्रणाली शुरू की है. इससे यूपीएससी की ओर से निकलने वाली वैकेंसी के लिए ज्यादा से ज्यादा योग्य उम्मीदवार मिल पाएंगे. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने विश्वविद्यालयों और व्यावसायिक कोर्स का संचालन करने वाले कॉलेजों को नौकरियों और केंद्र सरकार की वैकेंसी से जुड़ी बेहतर जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से ईमेल अलर्ट सेवा शुरू किया है. 

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सही पद के लिए योग्य उम्मीदवारों तक पहुंच बढ़ाना है मकसद
इससे केंद्र सरकार में नौकरियों के अवसरों के बारे में बेहतर जानकारी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध हो सकेगी. इसका मकसद योग्य उम्मीदवारों को उन पदों के लिए आवेदन करने में मदद करना है जो समय पर जानकारी न मिलने के कारण अप्लाई करने से छूट जाते हैं.

रिक्तियों और योग्य उम्मीदवारों के बीच अंतर को पाटने के लिए नई ईमेल अलर्ट सेवा शुरू की गई है. इससे पहले यूपीएससी रिक्तियों की सूचना प्रकाशित करने के लिए अपनी वेबसाइट, रोजगार समाचार और लिंक्डइन का उपयोग करता था.

इस नई प्रणाली के तहत जब ई-मेल सीधे संस्थानों को भेजे जाएंगे, तो आयोग को उम्मीद है कि वह सही उम्मीदवारों तक तेजी से पहुंच सकेगा और आवेदनों की संख्या में सुधार कर सकेगा. खासकर विशिष्ट पदों के लिए ज्यादा और सही उम्मीदवार आ सकेंगे.

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वैकेंसी और आवेदकों के बीच अंतर हो पाएगा कम
इस पहल से विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और प्रोफेशनल संस्थाओं को उनके शैक्षणिक या पेशेवर क्षेत्रों के अनुरूप ईमेल सूचनाएं प्राप्त करने की सुविधा मिलती है.  यूपीएससी को उम्मीद है कि इस कदम से वैकेंसी और योग्य आवेदकों के बीच का अंतर कम होगा. खासकर कानून, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षण, वित्त और फोरेंसिक ऑडिट जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा आवेदन आ सकेंगे.

इस फैसले के बारे में बताते हुए यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि कई भर्ती कैंपेन में आवेदकों की संख्या बहुत कम थी, या कोई उपयुक्त उम्मीदवार ही नहीं चुना जा सका. उन्होंने कहा कि कभी-कभी, पद खाली रह जाते हैं या साक्षात्कार के दौरान उपयुक्त उम्मीदवार न मिलने के कारण पूरी बहाली प्रक्रिया निरर्थक हो जाती है.

हर साल Aऔर B ग्रुप के 200 पदों के लिए होती है भर्ती 
यूपीएससी ने मंत्रालयों से प्रस्तावों को सुव्यवस्थित करने और योग्य उम्मीदवारों तक पहुंच बढ़ाने का आग्रह किया है. आयोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में ग्रुप ए और बी के राजपत्रित पदों के लिए हर साल 200 से ज़्यादा रिक्रूटमेंट प्रपोजल को प्रोसेस करता है. अकेले 2025 में ही 240 से ज़्यादा भर्ती के मामले प्राप्त हुए हैं. . फिर भी, कुशल उम्मीदवारों की बढ़ती मांग के बावजूद, कुछ पदों के लिए आवेदकों की कमी बनी हुई है.

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कैसे काम करती है ये नई प्रणाली? 
मान्यता प्राप्त संस्थान को अब सीधे अपने इनबॉक्स में भर्ती अलर्ट मिलेगा.  सदस्यता लेने के इच्छुक लोग ra-upsc@gov.in पर ईमेल भेज सकते हैं, जिसका विषय होगा- सब्सक्रिप्शन रिक्वेस्ट - यूपीएससी भर्ती अलर्ट. इसके बाद उन्हें अपने विशेषज्ञता क्षेत्र से जुड़े खाली पदों और वैकेंसीज के बारे में अपडेट मिलते रहेंगे. इसके अलावा, मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि वे इन नौकरी अधिसूचनाओं को अपने प्लेटफॉर्म पर साझा करें. 

डॉ. कुमार ने आगे बताया कि आयोग मंत्रालयों को हर साल जनवरी और मार्च के बीच रिक्रूटमेंट प्रपोजल देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इससे यूपीएससी को योजना को सुव्यवस्थित करने, समान पदों के लिए समान परीक्षाएं आयोजित करने और समय पर भर्तियों को पूरा करने में मदद मिलती है.

इस डायरेक्ट कम्युनिकेशन के साथ आयोग का लक्ष्य न केवल खाली पदों को कुशलतापूर्वक भरना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि सूचना के अभाव के कारण योग्य उम्मीदवार कहीं छूट न जाएं. 
 

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