UPSC: पूर्वा चौधरी के OBC सर्टिफिकेट पर विवाद, RAS ऑफिसर पिता ने ये नियम बताते हुए दी सफाई

UPSC Controversy: पूर्वा चौधरी के पिता ओमप्रकाश सहारण एक RAS अधिकारी हैं और फिलहाल कोटपूतली में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. यूपीएससी में ओबीसी सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल वाले आरोपों पर पूर्वा के पिता ने अपनी सफाई दी है और नियमों का हवाला देते हुए इन आरोपों को गलत बताया है.

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पूर्वा चौधरी को यूपीएससी एग्जाम में 533वीं रैंक मिली है. (Photo Credit: Insta @navya_saharan) पूर्वा चौधरी को यूपीएससी एग्जाम में 533वीं रैंक मिली है. (Photo Credit: Insta @navya_saharan)

गुलाम नबी

  • हनुमानगढ़,
  • 04 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

UPSC Poorva Choudhary: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा, देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठीन परीक्षाओं में से एक है. हनुमानगढ़ जिले की संगरिया विधानसभा क्षेत्र के गांव बोलावाली की रहने वाली पूर्वा चौधरी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 533वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया. हालांकि, उनकी इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है. कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि पूर्वा ने ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर (NCL) सर्टिफिकेट का गलत इस्तेमाल किया, जबकि उनके पिता ओमप्रकाश सहारण राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारी हैं.

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पूर्वा चौधरी ने ओबीसी कैटेगरी से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की है. उन्हें लिखित परीक्षा में 771 नंबर और साक्षात्कार में 165 नंबर यानी कुल 936 नंबर के आधार पर मेरिट लिस्ट में 533वां स्थान मिला है. पूर्वा चौधरी के पिता ओमप्रकाश सहारण एक RAS अधिकारी हैं और फिलहाल कोटपूतली में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. यूपीएससी में ओबीसी सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल वाले आरोपों पर पूर्वा के पिता ने अपनी सफाई दी है और नियमों का हवाला देते हुए इन आरोपों को गलत बताया है.

सोशल मीडिया पर विवाद
पूर्वा की सफलता की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर उनके OBC-NCL सर्टिफिकेट को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पिता ओमप्रकाश सहारण एक सीनियर RAS अधिकारी हैं, ऐसे में उनकी बेटी को OBC-NCL का लाभ लेना गलत है. सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा है कि पूर्वा के पास महंगे हैंडबैग और कार हैं, जिसके आधार पर उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि ऊंची पहुंच वाले लोग इस तरह के हथकंडे अपनाकर गरीबों का हक छीनते हैं.

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पिता ओमप्रकाश सहारण की सफाई
इस विवाद पर पूर्वा के पिता ओमप्रकाश सहारण ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोप गलत और आधारहीन हैं. उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि OBC-NCL सर्टिफिकेट के लिए नियम कहता है कि अगर कोई व्यक्ति 40 वर्ष की आयु से पहले डायरेक्ट क्लास-1 (ग्रुप A) या RAS जैसे पद पर भर्ती होता है, तो उसका परिवार OBC-NCL लाभ से वंचित हो जाता है. ओमप्रकाश सहारण ने बताया कि वे 44 वर्ष की आयु में RAS बने थे, इसलिए उनकी बेटी पूर्वा को OBC-NCL लाभ लेने का पूरा अधिकार है.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति 40 वर्ष से पहले क्लास-1 में भर्ती हो या प्रोमोशन पाए, तभी लाभ नहीं मिलता. उनके मामले में ऐसा नहीं है. ओमप्रकाश ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को भेड़चाल करार दिया और कहा कि लोगों को इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में एक लॉबी है जो इस तरह की अफवाहें फैलाने का काम करती है. साथ ही, कुछ लोग अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स और व्यूज बढ़ाने के लिए ऐसी बातें फैला रहे हैं.

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UPSC और OBC-NCL नियम
OBC-NCL सर्टिफिकेट के लिए नियमों के अनुसार, उम्मीदवार के माता-पिता की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. साथ ही, अगर माता-पिता क्लास-1 (ग्रुप A) या क्लास-2 (ग्रुप B) में 40 वर्ष की आयु से पहले डायरेक्ट भर्ती या प्रोमोशन के जरिए पहुंचे हों, तो उम्मीदवार को OBC-NCL लाभ नहीं मिलता. ओमप्रकाश सहारण का कहना है कि वे इन नियमों के दायरे में नहीं आते, इसलिए उनकी बेटी ने कोई गलत कार्य नहीं किया.

यूपीएससी में OBC, EWS या PwBD कोटे की बहस तेज
इस मामले ने एक बार फिर UPSC की चयन प्रक्रिया और आरक्षण नियमों पर बहस छेड़ दी है. पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां उम्मीदवारों पर OBC, EWS या PwBD कोटे के दुरुपयोग का आरोप लगा. इनमें सबसे चर्चित मामला 2022 बैच की पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर का है. उनके खिलाफ OBC-NCL और PwBD कोटे के दुरुपयोग के आरोप लगे और जांच चल रही है.

विशेषज्ञों का कहना है कि UPSC को अपनी सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है ताकि इस तरह के विवादों से बचा जा सके. पूर्वा चौधरी और उनके परिवार का कहना है कि वे नियमों के अनुसार ही आगे बढ़े हैं और उनकी बेटी की सफलता उनकी मेहनत का नतीजा है. इस बीच, सोशल मीडिया पर चल रही बहस ने इस मामले को और तूल दे दिया है.

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