न टीचर हैं न प्रिंसिपल, यूपी के इस स्‍कूल में खुद एक-दूसरे को पढ़ाते हैं स्‍टूडेंट्स

Teerath Sagar Group Study School: महोबा में नदी किनारे तीरथ सागर स्‍कूल के ये छात्र रोज़ सुबह से शाम तक स्टडी क्लब के जरिए एक-दूसरे को ज्ञान दे रहे हैं. अगर कोई छात्र गणित में कमजोर है और कोई बेहद अच्छा, तो कमजोर छात्र को पढ़ाने का काम होशियार छात्र करेगा. बचपन मे कंबाइंड स्टडी के तरीके को यहां के हज़ारों छात्र अपना रहे हैं.

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UP Teerath Sagar School: UP Teerath Sagar School:

वरुण सिन्हा

  • नई दिल्‍ली,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST
  • सभी विषयों पर होती है पढ़ाई
  • एक दूसरे को पढ़ाते हैं स्‍टूडेंट्स

Teerath Sagar Group Study School: शिक्षा के जरिए आगे बढ़ने की कोशिश हर कोई करता है पर कई बार कम संसाधनों की वजह से रास्ते उतने आसान नही हो पाते हैं. उत्तर प्रदेश के महोबा में एक ऐसा ही स्कूल है जहां न टीचर है न कोई पढ़ाने वाला. यहां छात्र एक-दूसरे के खुद ही टीचर हैं. 

महोबा में नदी किनारे तीरथ सागर स्‍कूल के ये छात्र रोज़ सुबह से शाम तक स्टडी क्लब के जरिए एक दूसरे को ज्ञान दे रहे हैं. अगर कोई छात्र गणित में कमजोर है और कोई बेहद अच्छा, तो कमजोर छात्र को पढ़ाने का काम होशियार छात्र करेगा. यहा छात्रों की हर मुश्किल आसान हो जाती है. बचपन मे कंबाइंड स्टडी के तरीके को यहां के हज़ारों छात्र अपना रहे हैं.

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यहां पढ़ रहे छात्र कहते है कि हम एक दूसरे को पढ़ाते हैं, बात करते हैं और समस्या का समाधान निकालते हैं. यहां हर छात्र में कुछ खास है. तीरथ सागर से निकलकर तमाम छात्र देश मे बड़े बड़े पदों पर आसीन हैं. ये सब छात्र सरकारी नौकरी, और प्रशासनिक सेवाओं के लिए तैयारी करते हैं. नदी के किनारे बने इस स्कूल का न कोई प्रिंसिपल-टीचर है और न ही कोई नियम.

छात्र अपने हिसाब से हर रोज एक टॉपिक उठाते हैं जिसमें सबसे ज्यादा छात्रों को दिक्कत आ रही हो, और फिर सब मिलकर उसको सॉल्व करते हैं. छात्र यहां चुनावों के मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं. छात्रों का कहना है कि बुंदेलखंड में शिक्षा के क्षेत्र का प्रसार होना चाहिए. वहीं सरकारी नौकरियां ज्यादा निकलें जिससे लोगो को बेहतर विकल्प मिल पाएं.

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यहां बैठा हर छात्र एक-दूसरे का साथ दे रहा है. ये सब ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के उन परिवारों से आते हैं, जो सरकारी नौकरी या फिर पढ़ाई के लिए कोचिंग नहीं कर सकते. छठी कक्षा का एक अन्य छात्र साहिल कहता है, "मैं दो साल बाद स्कूलों में आ रहा हूं और आज अपने स्कूल के साथियों से मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है." एक छात्र उमर कहते हैं, "हम लंबे अंतराल के बाद अपने स्कूल आ रहे हैं और हम मास्क पहनेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे."

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