गांव में रहकर 18 घंटे की पढ़ाई, ऐसे न‍िध‍ि ने पास की UPSC परीक्षा, पिता ने कही ये बात

बचपन से पिता की मेहनत से प्रेरणा लेकर बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास करके सिविल सर्वेंट बनने का सपना देखा था. इस बार वो सपना पूरा हो गया. जानिए- कैसे की थी तैयारी...

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निध‍ि अपने परिवार के साथ (aajtak.in) निध‍ि अपने परिवार के साथ (aajtak.in)

पवन राठी

  • सोनीपत ,
  • 29 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST
  • निधि ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 286वां रैंक
  • निधि के परिवार में खुशी की लहर, चारों तरफ से मिल रही बधाई
  • कोविड-19 के कारण पिछली बार इंटरव्यू नहीं हुआ था

UPSC 2020 Result: मुरुथल गांव की रहने वाली निध‍ि ने यूपीएससी क्लियर करके गांव के सामने एक नजीर पेश की है. निधि ने बताया कि उनका सपना था कि एक दिन यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करेंगी. इसके लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत करके इस सपने को पूरा किया है. निधि ने यूपीएससी परीक्षा में  286वां रैंक हासिल किया है. निधि ने बताया कि बचपन में वो जब दूसरी-तीसरी क्लास में थी, एक दिन वो अपने पिता के साथ कहीं जा रही थी और उसी दौरान उसके पिता ने डिस्टिक कलेक्टर से बात की थी. 

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वहीं से न‍िध‍ि को प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद यूपएससी की तैयारी शुरू कर दी थी और घंटों की पढ़ाई करने के बाद यह मुकाम हासिल किया. निधि ने बताया कि पिछले साल कोविड-19 के कारण इंटरव्यू में वो रह गई थीं, लेकिन दूसरी बार में उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया है. निधि ने स्कूल की पढ़ाई सोनीपत में ही की है. 

निधि के बताया कि मेरे पापा बिजनेस मैन है और मम्मी होममेकर है. मेरे माता-पिता के कारण आज मैंने मुकाम हासिल किया है. निधि के परिवार में खुशी का माहौल है और चारों तरफ से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. निधि ने बताया कि बचपन में उसे अपने पिता से प्रेरणा मिली थी और उसके बाद यूपीएससी की परीक्षा देने की बात सोची थी और उसने अपना सपना पूरा कर लिया है. कोरोना के कारण पिछली बार इंटरव्यू नहीं हुआ था, लेकिन इस बार उसने क्लियर करके अपना पूरा किया था. 

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अपने पिता के साथ निध‍ि

निधि के माता-पिता मुकेश कौशिक और मीना ने बताया कि वो बचपन से ही बहुत होशियार थी और दिन-रात मन लगाकर पढ़ाई करती थी. निधि के पिता मुकेश कौशिक ने बताया कि उसे आज बहुत खुशी है और वह फूले नहीं समा रहे हैं. वो सभी मां- बाप को कहेंगे कि इसी तरह की बेटियों पर मेहनत करें और उन्हें पढ़ाएं. वहीं उनकी मां मीना ने कहा कि वह अपनी बेटी पर ही ध्यान देती थी और वो सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देती थी और पढ़ाई के जरिए उसने यह मेहनत की है और मेहनत के नतीजे उसने ये रैंक हासिल किया है. बेटी दिन में 18 घंटे की पढ़ाई करती थी.

 

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