ऐसे ही कोई नहीं बन जाता इंटरनेशनल क्र‍िकेटर, बच्चे के साथ परिवार भी करता है त्याग, पढ़ें- श‍िवम की कहानी

जुनून, दिन-रात कड़ी मेहनत और कंपटीशन के दबाव में आत्मविश्वास के साथ अच्छा परफॉर्म करना...इंटरनेशनल क्र‍िकेटर बनने के लिए एक युवा को समर्पण भाव के साथ खेल को पूजना होता है. मगर क्या आपने सोचा है कि बच्चों के साथ-साथ अगर परिवार की मेहनत और त्याग शामिल न हो तो ये रास्ता कितना मुश्क‍िल होता है. नोएडा के रहने वाले क्र‍िकेटर श‍िवम की कहानी पढ़‍िए, इससे आप उस संघर्ष का अंदाजा लगा सकते हैं.

Advertisement
मुंबई में राजस्थान रोयल्स वर्सेज कोलकाता नाइट राइडर्स मैच, IPL खेलते श‍िवम मावी (Photo Credit: BCCI/IPL) मुंबई में राजस्थान रोयल्स वर्सेज कोलकाता नाइट राइडर्स मैच, IPL खेलते श‍िवम मावी (Photo Credit: BCCI/IPL)

भूपेन्द्र चौधरी

  • नोएडा ,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

नोएडा में रहने वाले शिवम मावी का श्रीलंका T20 सीरीज के लिए भारतीय क्र‍िकेट टीम में सेलेक्शन हो गया है. बेटे की एक और बड़ी सफलता से शिवम मावी का परिवार खुश‍ियां मना रहा है. श‍िवम की सफलताएं अब इस घर की रौनकें बढ़ाने का काम करने लगी हैं.  दूर-दूर से लोग फोन करके बधाई दे रहे हैं. आसपास का हर बच्चा अपने श‍िवम भाई जैसा बनने का सपना देखने लगा है. लेकिन इस सफलता की चमक के पीछे संघर्ष की एक लंबी कहानी है. जिसमें श‍िवम की मेहनत के साथ साथ परिवार का त्याग और सहयोग भी शामिल है. 

Advertisement

श‍िवम का परिवार मूल रूप से मेरठ का है. शिवम के पिता पंकज मावी ने बताया कि लगभग 22 साल से वो नोएडा में रह रहे हैं. यहां वो नौकरी के सिलसिले से ही आए थे.  लेकिन यहां जब क्र‍िकेट में बेटे की रुचि पैदा हुई तो मैंने सोचा भी नहीं था कि वो इंटरनेशनल स्टार बनेगा. वो कहते हैं कि भारतीय टीम में शामिल होने के लिए शिवम ने भी खूब मेहनत की है. शिवम बचपन से क्रिकेट खेल रहा है. उसे पढ़ाई और खेल मैनेज करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी. 

मां ने पैरों में की मालिश, बेटे का दिया पूरा साथ 

दिन में स्कूल से आने के बाद एकेडमी प्रैक्टिस के लिए जाया करते था. शुरू में केवल हॉबी के तौर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया था, लेकिन उसकी प्रत‍िभा को परखने के बाद शिवम के कोच ने कहा कि आपके बच्चे में टैलेंट है, इसका क्रिकेट ना बंद करवाए. वो यूपी टीम में अंडर 14 में सेलेक्शन पाना चाहता था, लेकिन वहां चयन ना होने पर शिवम ने दिल्ली अंडर 14 खेला. इसके बाद अंडर-16 यूपी की तरफ से खेला. फिर कई प्रयास के बाद अंडर-19 में सिलेक्शन हुआ और अंडर 19 वर्ल्ड कप तक खेला. इसके बाद अब भारतीय टीम में सेलेक्ट हो गया है. पंकज कहते हैं कि आज ऐसा लग रहा है मानो बरसों की मेहनत आज वसूल हुई हो. 

Advertisement

पंकज बताते हैं कि श‍िवम की पढ़ाई के साथ क्र‍िकेट की प्रैक्ट‍िस कराना बहुत टफ होता था. उसके खानपान से लेकर हेल्थ का पूरा ध्यान उसकी मां रखती थी. वो बचपन से ही कहता रहता था कि मम्मी क्रिकेट खेलना ही खेलना है तो हम लोगों ने भी कभी क्रिकेट खेलने से मना नहीं किया. जब शिवम पढ़ाई के बाद क्र‍िकेट की डबल मेहनत करके थककर आता था तो मां उसके पैर दबा दिया करती थी और कभी कभी मालिश कर दिया करती थी. वो बेटे के साथ पल पल खड़ी रहीं. 

अपना काम छोड़कर प्रैक्ट‍िस कराने ले जाते थे पिता  

पंकज अपने बारे में बताते हैं कि मैंने नोएडा में प्राइवेट जॉब करके किसी तरह सेक्टर 71 जनता फ्लैट में घर खरीदा है. इस अल्बेस्टर वाले घर में पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने का सपना देखा. उन्हें काम छोड़कर कभी-कभी बेटे को प्रैक्टिस करवाने के लिए दिल्ली लेकर जाना पड़ता था. सुबह 5 बजे ही शिवम उठकर प्रैक्टिस शुरू कर देता था. फिर शिवम के अंडर-19 और आईपीएल में शामिल होने के बाद उनके रिश्तेदार और आसपास के बच्चे भी क्रिकेटर बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं. यह सब देखकर हमें बहुत गर्व और सुकून महसूस होता है. मेरे बेटे ने अपनी मेहनत और जज्बे से क‍िस्मत बदल दी है. बस, हमारी यही दु‍आ है कि वो क्र‍िकेट जगत में हमेशा एक बड़े सितारे के तौर पर पहचान बनाए. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement