उत्तर भारत में ठंड बढ़ने के साथ-साथ स्कूलों की टाइमिंग और पढ़ाई के तरीके में लगातार बदलाव हो रहे हैं. माता-पिता अब बच्चों को स्कूल भेजने से पहले मौसम और हवा की स्थिति (AQI) जरूर देख रहे हैं. दिल्ली में भीषण वायु प्रदूषण और उत्तर प्रदेश और बिहार में घना कोहरा बच्चों के लिए परेशानी बन गया है, इसलिए प्रशासन को स्कूलों से जुड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर का हाल
दिल्ली और आसपास के इलाकों में सबसे बड़ी समस्या ठंड नहीं, बल्कि जहरीली हवा है. AQI लगातार 'गंभीर' स्तर पर बना हुआ है, जिस कारण GRAP-IV नियम लागू किए गए हैं. नर्सरी से कक्षा 5 तक की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है. कक्षा 6 से 9 और 11 की कक्षाएं हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन + ऑफलाइन) में चल रही हैं. स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार 10,000 एयर प्यूरीफायर बांट रही है. दिल्ली के स्कूलों में 23 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा (तारीखें बदल भी सकती हैं).
पंजाब और हरियाणा
पंजाब: सभी स्कूल 24 से 31 दिसंबर तक बंद
हरियाणा: 1 जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक शीतकालीन छुट्टी रहने की संभावना
उत्तर प्रदेश में कोहरे की वजह से बदलाव
उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के कारण सुबह सफर करना खतरनाक हो गया है. इसलिए जिलों के डीएम अपने-अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं. बरेली, कानपुर, रामपुर में नर्सरी से कक्षा 8 तक स्कूल बंद के आदेश दिए गए हैं. कुछ जिलों में यह कक्षा 12 तक भी स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए हैं. इसका मकसद कम दिखाई देने की स्थिति में हादसों से बचाव है.
बिहार: समय बदला गया
बिहार में स्कूल पूरी तरह बंद करने के बजाय टाइम बदलने का फैसला किया गया है. पटना और मधुबनी में स्कूल सुबह 11 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक चलेंगे.
सुबह की असेंबली और पहला पीरियड कैंसिल होगा. बक्सर जैसे जिलों में कक्षा 1 से 8 तक स्कूल बंद रहेंगे.
क्यों लिए जा रहे हैं ये फैसले?
अधिकारियों के मुताबिक बच्चे ठंड और प्रदूषण दोनों से ज्यादा प्रभावित होते हैं. इसलिए मौसम विभाग (IMD) और स्वास्थ्य सलाह के आधार पर ये कदम उठाए जा रहे हैं. प्रशासन का साफ कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है.
पेरेंट्स के लिए सलाह
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