प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना ने देशभर के हजारों युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है. इसको शुरू हुए 1 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन हाल में सामने आए इसके नतीजों ने हर किसी को हैरान कर दिया है.
इसके नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हैं. सरकार की इस योजना के तहत युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार योग्य बनाने और देश के टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन सामने आए सरकारी आंकड़ों के अनुसार ये साफ पता चल रहा है कि रजिस्ट्रेशन के मुकाबले बहुत कम युवा इंटर्नशिप को पूरा कर पाए हैं. बता दें कि इसके लिए 1.25 लाख का लक्ष्य था, लेकिन केवल 2066 उम्मीदवारों ने ट्रेनिंग पूरी की है.
क्या था इस योजना का उद्देश्य?
इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. इसका मकसद छात्रों और पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं को काम करने का अनुभव देना था. इसके कारण काफी बड़ी संख्या में छात्र और ग्रेजुएट ने इसमें हिस्सा लिया था. हालांकि, आधिकारिक रिकॉर्ड की बात करें तो, सरकार ने बताया कि पीएम इंटर्नशिप योजना के दूसरे चरण में भी युवाओं ने हिस्सा लिया, जिसमें 1.18 लाख से अधिक इंटर्नशिप के अवसर पोस्ट किए और 24,600 से अधिक प्रस्ताव स्वीकार किया गया. लेकिन नवंबर के आखिरी तक 2053 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप बीच में ही छोड़ दी.
इतने पोस्ट हुए थे अवसर
सरकार के अनुसार, पहले राउंड में 3.7 लाख और दूसरे राउंड में 3.67 लाख युवाओं ने इस इंटर्नशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. पहले राउंड में कंपनियों ने 1.27 लाख अवसर पोस्ट किए थे, जिसके लिए कुल 82,007 उम्मीदवारों ने आवेदन किए थे. इनमें से सिर्फ 28,141 लोगों के ऑफर स्वीकार किए गए थे. लेकिन बाद में 4565 लोगों ने बीच में ही इस छोड़ दिया. ये पूरा होने तक केवल 2066 उम्मीदवार ही इस इंटर्नशिप को पूरा कर पाए.
कितने महीने की थी इंटर्नशिप
इस पायलट प्रोजेक्ट में इंटर्नशिप के लिए अवधि 12 महीने की रखी गई है. ऐसे में पहले चरण के इंटर्न को अपनी इंटर्नशिप पूरी करने के लिए नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक का समय निर्धारित किया गया है. ये समय इस बात पर निर्भर करती है कि उम्मीदवार ने कब इसे शुरू किया था. इसके लिए 840 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था जिसे बाद में घटाकर 380 करोड़ रुपये कर दिया गया.
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