JEE Main Topper: क्रिकेट और शतरंज के शौकीन अंशुल वर्मा ने बताया कैसे की AIR 1 तक पहुंचने की तैयारी

JEE Main 2021 Topper: अंशुल ने बताया कि तैयारी के लिए उन्‍होंने NCERT सिलेबस और JEE Main के विशेष टॉपिक्स पर ज्यादा फोकस किया. उन्‍होंने कहा कि वे रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करते  हैं और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलते हैं या अपने पापा के साथ शतरंज खेलते हैं. 

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JEE Main Topper Anshul Verma JEE Main Topper Anshul Verma

संजय वर्मा

  • कोटा,
  • 15 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST
  • एग्‍जाम के सभी 4 सेशन आयोजित हो चुके हैं
  • अंशुल क्रिकेट खेलने का भी शौक रखते हैं

JEE Main 2021 Topper: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी अंशुल वर्मा ने JEE Main All India Rank 1 प्राप्त की है. इससे पहले उन्‍होंने JEE Main के तीसरे सेशन में 300 में से 300 अंक हासिल कर 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे. अंशुल एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट है. अंशुल ने बताया कि उन्‍होंने JEE Main फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे. वे दोनों ही रिजल्ट से संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्‍होंने जुलाई में फिर एक अटैम्प्ट दिया.  

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अंशुल ने बताया कि तैयारी के लिए उन्‍होंने NCERT सिलेबस और JEE Main के विशेष टॉपिक्स पर ज्यादा फोकस किया. उन्‍होंने 10वीं की परीक्षा 98.4 प्रतिशत नंबरों से पास कर ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की थी. उन्‍होंने बताया कि वे रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करते हैं और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलते हैं या अपने पापा के साथ शतरंज खेलते हैं. 

अंशुल के पिता डॉ. कृष्णकुमार वर्मा पशु चिकित्सक हैं और मां दमयंती वर्मा राजकीय स्कूल में टीचर हैं. उनकी बड़ी बहिन रूपल वर्मा NIT रायपुर से BTech कर रही हैं. अंशुल की बहन ने भी कोटा से तैयारी की थी जिससे उन्‍हें भी प्रेरणा मिली. फिलहाल उनका फोकस JEE Advanced पर है. वह भविष्य में IIT मुम्बई की CS ब्रांच से BTech करना चाहते हैं. 

JEE Main मार्च अटैम्प्ट में उनके क्लासमेट जेनिथ मल्होत्रा ने 100 परसेन्टाइल स्कोर किए थे. अंशुल और जेनिथ साथ रहते थे और एक-दूसरे से डाउट्स को लेकर चर्चा करते थे. अंशुल ने सोचा कि जब वो 100 परसेन्टाइल स्कोर कर सकता है तो मैं क्यों नहीं. उन्‍होंने कहा कि कोटा में पूरे देश के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी करने आते हैं इसलिए यहां बेस्ट कॉम्पिटिशन और पीयर ग्रुप मिलता है. इससे स्टूडेंट को खुद की तैयारी के आंकलन का मौका मिलता है. सब एक-दूसरे से बेहतर करने की कोशिश करते हैं और इस वजह से स्टूडेंट की तैयारी में लगातार सुधार आता है.

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