दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब छात्र सीख सकेंगे जर्मन भाषा, समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

इस पार्टनरशिप का उद्देश्य तेजी से वैश्वीकृत होती दुनिया के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल रूप से तैयार करना है.

Advertisement
अब छात्र सीख सकेंगे जर्मन भाषा अब छात्र सीख सकेंगे जर्मन भाषा

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST
  • स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल रूप से तैयार करना है
  • सरकार के 30 स्कूलों में शुरू की जाएगी पढ़ाई

केजरीवाल सरकार के स्कूलों में छात्र अब जर्मन भाषा भी सीखेंगे. इस दिशा में मंगलवार को दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन ने जर्मन एम्बेसी के कोलाबोरेशन से विश्वभर में प्रख्यात नॉन-प्रॉफिट जर्मन कल्चरल एसोसिएशन गोएथे इंस्टीट्यूट मैक्स-म्यूलर भवन के साथ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर.जे.लिंडर की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इस पार्टनरशिप का उद्देश्य तेजी से वैश्वीकृत होती दुनिया के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल रूप से तैयार करना है.

Advertisement

पायलट फेज में जर्मन लैंग्वेज कोर्स की पढ़ाई दिल्ली सरकार के 30 स्कूलों में शुरू की जाएगी, जिसमें स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) शामिल हैं. जर्मन एक वैश्विक भाषा है, इस पार्टनरशिप के तहत स्टूडेंट्स को गोएथे इंस्टीट्यूट मैक्स म्यूलर भवन द्वारा कम्युनिकेटिव जर्मन लैंग्वेज की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे वैश्विक स्तर पर साइंस-टेक्नोलॉजी, आर्ट-कल्चर सीखने के साथ-साथ अपने प्रोफेशनल जीवन के लिए भी इस लैंग्वेज का प्रयोग कर सकें.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक फॉरेन लैंग्वेज सीखना न केवल एक स्किल सीखने तक सीमित है, बल्कि किसी विशेष देश की संस्कृति को सीखने व उससे जुड़ने का मौका भी देता है. उन्होंने कहा कि  गोएथे इंस्टिट्यूट मैक्स म्यूलर भवन के साथ यह पार्टनरशिप भविष्य में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए नए रोजगार के साथ-साथ कई शैक्षणिक अवसर भी खोलेगी. जर्मन सीखने से इंजीनियरिंग, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, एयरो-फ्लाइट, रिसर्च आदि जैसे क्षेत्रों में हमारे स्टूडेंट्स के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे.

Advertisement

भारत में जर्मन राजदूत, वाल्टर जे. लिंडन ने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ यह पार्टनरशिप भविष्य में कल्चर, म्यूजिक, एजुकेशन सहित कई नए क्षेत्रों में पार्टनरशिप के मौके तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि जर्मन सीखने से यूरोप के कई देशों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement