वर्ष 2016-17 से 2022-2023 सत्र तक एमसीडी स्कूलों में 48.74 प्रतिशत छात्र विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय लाभ से वंचित थे. नगर निकाय के शिक्षा विभाग की एक ऑडिट रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. 11 नवंबर, 2023 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली नगर निगम का शिक्षा विभाग आवश्यक बैंक खाते न खुलने के कारण लगभग 3,83,203 छात्रों को एनसीटी दिल्ली सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय लाभ देने में विफल रहा. ऑडिट दिल्ली नगर निगम के मुख्य लेखा परीक्षक कार्यालय द्वारा किया गया था. ऑडिटर कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ऑडिट रिपोर्ट की पुष्टि की.
ऑडिट रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए एमसीडी आयुक्त ज्ञानेश भारती और मेयर शैली ओबेरॉय को कॉल और टेक्स्ट मैसेज किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. एमसीडी ने 2016-17 में इन फंडों के ट्रांसफर के लिए संचालित होने वाले विभिन्न बैंक खातों और शिक्षकों द्वारा रिकॉर्ड बनाए रखने में लगने वाले समय को देखते हुए सभी लाभों को डीबीटी के माध्यम से सीधे छात्र के बैंक खाते में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया.
इस कदम के तहत पैसे के दुरुपयोग से बचने के लिए यूनिफार्म, स्कूल बैग, छात्रवृत्ति और स्टेशनरी सहित अन्य लाभों के लिए नकद सब्सिडी केवल छात्रों के बैंक खातों के माध्यम से दी गई थी.
पहले ये कल्याण निधि एमसीडी स्कूलों में नामांकित छात्रों को नकद वितरण के लिए एडीई/डीडीई के माध्यम से स्कूल के प्रधानाध्यापक को दी जाती थी. ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि नवंबर 2023 तक, बैंक खाते खोलने के लिए अनिवार्य आधार कार्ड तैयार करने का 100 प्रतिशत लक्ष्य नगर निगम के शिक्षा विभाग द्वारा हासिल नहीं किया गया था, जिसके कारण कई छात्रों को वित्तीय सहायता नहीं मिल सकी.
रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 तक एमसीडी स्कूलों के कुल 7,86,205 छात्रों में से केवल 4,03,003 छात्रों के पास बैंक खाते थे. इसके अलावा, आधार कार्ड होने के बावजूद 1,36,599 छात्रों ने अपने बैंक खाते नहीं खोले.
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