शिक्षा नगरी कोटा में बढ़ते सुसाइड के मामलों से हर कोई वाकिफ है. एजुकेशन हब कहलाए जाने वाले कोटा से छात्रों की सुसाइड की खबरें आम हो गई हैं. पिछले साल यानी 2023, में 28 छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छात्रों के सुसाइड के मामले अधिकतर किस राज्य से आते हैं? एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं.
IC3 एक ऐसा संगठन है जो दुनियाभर में मार्गदर्शन और प्रशिक्षण संसाधनों के माध्यम से हाई स्कूलों को सहायता प्रदान करता है. IC3 ने छात्रों के सुसाइड को लेकर एक रिपोर्ट शेयर की है. इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 और 2022 में छात्रों में सुसाइड रेट 4.2 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2022 में 13 हजार 44 छात्रों की सुसाइड रिपोर्ट दर्ज की गई हैं, जबकि 2021 में यह संख्या 13 हजार 89 थी.
महाराष्ट्र में छात्र आत्महत्याओं की संख्या सबसे अधिक है, जो कुल का 14 प्रतिशत है. इसके बाद तमिलनाडु 11 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी चिंताजनक आंकड़े हैं. एमपी में 10 प्रतिशत और यूपी में 8 प्रतिशत छात्र सुसाइड कर रहे हैं. वहीं, झारखंड में कुल आत्मत्याओं में छह प्रतिशत छात्र पाए गए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के आधार पर, रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कुल आत्महत्या दर में सालाना 2% की वृद्धि हुई है, जबकि छात्रों की आत्महत्या की दर में 4% के करीब की वृद्धि हुई है.
छात्रों के सुसाइड मामलों मे किस नंबर पर है राजस्थान?
साल 2021 और 2022 में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश सबसे ज़्यादा आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. इन तीन राज्यों में देश के कुल छात्र आत्महत्याओं की संख्या का एक तिहाई हिस्सा शामिल है. इस बीच, तमिलनाडु और झारखंड के आंकड़े छात्र आत्महत्याओं में हर साल वृद्धि हुई है. बता दें कि राजस्थान 571 छात्र आत्महत्याओं के साथ 10वें स्थान पर है. पिछले 10 सालों में, 24 वर्ष की आयु के बच्चों की आबादी 582 मिलियन से घटकर 581 मिलियन हो गई थी और छात्र आत्महत्याओं की संख्या 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई है.
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