परीक्षा 2022 में, प्रश्न पत्र 2020 का, बिहार शिक्षा विभाग ने बताया ये कारण

बिहार के कटिहार के कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों के लिए वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा आयोजित कराया जा रहा है. खबर है कि इस परीक्षा के दौरान छात्रों को 2022 के प्रश्नपत्र की जगह 2020 का क्वेश्चन पेपर छात्रों को दिया जा रहा है.

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Annual assesment exams in Bihar ( File image) Annual assesment exams in Bihar ( File image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST
  • परीक्षार्थियों की संख्या के मुकाबले प्रश्न पत्रों की भी संख्या कम
  • सिर्फ 80% प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया है.

कटिहार में शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले वर्ग 1 से 8 तक के सभी छात्र-छात्राओं का वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जा रही है. जिले में कुल नामांकित इन छात्र - छात्राओं की संख्या 5 लाख 20 हजार है. खबर है कि छात्रों को 2022 के प्रश्नपत्र की जगह 2020 का क्वेश्चन पेपर छात्रों को दिया जा गया है.

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इसके अलावा जिले में परीक्षार्थियों की संख्या के मुकाबले प्रश्न पत्रों की भी संख्या कम है. ऐसे में स्कूल प्रबंधन घटे प्रश्नपत्र को लेकर बाजार से प्रश्नपत्र का फोटोकॉपी करवा कर बच्चों को उपलब्ध करवाने को मजबूर है.

हालांकि, स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाध्यापिकाओं का कहना है कि विभाग के द्वारा मात्र 80% ही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया है. ऐसे में प्रश्नपत्र का फोटोकॉपी करवा कर छात्रों की परीक्षा ली जा रही है. शिक्षक कहते हैं कि कोविड - 19 के समय लॉकडाउन में परीक्षा नहीं होने की वजह से प्रश्नपत्र विभाग के स्टोर में रखा हुआ था, इस बार प्रश्नपत्र नहीं छपा है. हालांकि इस प्रकिया में गोपनीयता का पूरी तरह से ख्याल रखा गया है.

इस बाबत जब कटिहार जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो इन्होंने कहा है कि 7 मार्च 2022 से 29 मार्च 2022 तक वर्ग 1 से वर्ग 8 तक के बच्चों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में पिछले साल का जो प्रश्न पत्र छपा हुआ था वही प्रश्न पत्र दिया गया है. ऐसा राज्य सरकार से ही डायरेक्शन था. सरकार की तरफ से ऐसा संसाधनों की बर्बादी रोकने के लिए किया गया है.

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ऐसे में छात्रों और अभिभावकों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि बिहार में शिक्षा विभाग के द्वारा अब पुराने प्रश्नपत्रों से छात्रों का वार्षिक परीक्षा लेना क्या यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा परीक्षा की गोपनीयता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगा है.

(रिपोर्ट: विपुल राहुल, कटिहार)

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