केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में JKSSB भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका को लेकर युवाओं का विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा. उम्मीदवारों का आरोप है कि ये भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए 'दागी और ब्लैक लिस्टेड' एजेंसी एप्टेक लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई. इस फर्म को नियुक्त करने के जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के फैसले पर जम्मू-कश्मीर में भारी विवाद छिड़ गया है.
इस दागी फर्म को हायर करने के फैसले के खिलाफ सैकड़ों युवाओं ने आज लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए एक विवादास्पद फर्म को जिम्मेदारी सौंपी गई है. दूसरे दिन अभ्यर्थियों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मांग की कि एप्टेक लिमिटेड को हायर करने के फैसले को रद्द किया जाना चाहिए.
इस बीच, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राजनेताओं ने भी जम्मू-कश्मीर में भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए एक 'दागी' फर्म को हायर करने के फैसले की निंदा की है. यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि भर्ती परीक्षा के दौरान अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुलिस उप-निरीक्षकों, कनिष्ठ अभियंताओं और वित्त लेखा सहायकों की चयनित सूची को रद्द कर दिया है.
जम्मू और कश्मीर सरकार और JKSSB के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी ब्लैक लिस्टेड कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. जब तक इन ब्लैक लिस्टेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, कोई भी छात्र किसी प्रतियोगी परीक्षा में नहीं बैठेगा. न ही किसी परीक्षा के पारदर्शी होने की उम्मीद ही की जा सकती है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि APTECH लिमिटेड राजस्थान, लेह, अंबाला और अन्य सहित देश के अन्य हिस्सों में कई घोटालों में शामिल रही है. इस फर्म को भर्तियों का ठेका देना अभ्यर्थियों के विश्वास के साथ बड़ी चोट है.
सुनील जी भट्ट