लगातार भारतीय छात्रों का वीजा रिजेक्ट कर रहा कनाडा? दो साल में 80% घटे आवेदन

कनाडा में पढ़ाई का सपना देख रहे भारतीय छात्रों के लिए हाल के महीने मुश्किल साबित हो रहे हैं. पिछले दो सालों में वीज़ा अस्वीकृति दर में जबरदस्त उछाल देखा गया है. अब लगभग हर चार में से तीन भारतीय छात्र का आवेदन खारिज हो रहा है. 2023 में जहां यह दर सिर्फ 32% थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 74% तक पहुंच गई है.

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पिछले साल के मुकाबले इस साल कम भारतीय छात्रों ने कनाडा वीजा के लिए अप्लाई किया है. (Photo: AI Generated) पिछले साल के मुकाबले इस साल कम भारतीय छात्रों ने कनाडा वीजा के लिए अप्लाई किया है. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

पिछले वर्षों की तुलना में अगस्त 2025 में कनाडा के लिए लगभग चार में से तीन भारतीय छात्र वीज़ा आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 74% अस्वीकृति दर अगस्त 2023 के 32% से भारी वृद्धि है. दोनों वर्षों में सभी वैश्विक छात्र परमिट आवेदनों में से लगभग 40% को अस्वीकार कर दिया गया, जबकि चीनी छात्रों के लिए अस्वीकृति दर केवल 24% रहा है.

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भारत से कनाडा जाने वाले छात्र आवेदकों की संख्या में तेज़ गिरावट दर्ज की गई है. अगस्त 2023 में जहां करीब 20,900 भारतीयों ने आवेदन किया था, वहीं अगस्त 2025 तक यह संख्या घटकर सिर्फ़ 4,515 रह गई. यानी दो साल में आवेदकों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आई है. इसके बावजूद, भारत अब भी उन देशों में शामिल है जहां से सबसे अधिक आवेदन अस्वीकार किए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1,000 से अधिक स्वीकृत आवेदकों के बावजूद सभी देशों में सबसे ऊंची अस्वीकृति दर दर्ज की गई है. यह दिखाता है कि आवेदन करने वाले भले ही कम हुए हों, लेकिन रीजेक्शन रेट अब भी सबसे ज़्यादा भारत के हिस्से में ही आ रहा है.

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बीच अस्वीकृतियों में वृद्धि
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के कारण अब भारतीय छात्रों के वीज़ा अस्वीकृत होने के मामले बढ़ गए हैं. यह स्थिति तब से और बिगड़ी जब 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत पर आरोप लगाया था, जिसे भारत ने पूरी तरह से झूठा बताया है.

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इसके अलावा, कनाडा सरकार ने फ़र्ज़ी वीज़ा घोटालों के सामने आने के बाद जांच को और सख्त कर दिया है. 2023 में वहाँ के इमिग्रेशन विभाग ने 1,550 से ज़्यादा फर्जी अध्ययन परमिट पकड़े, जिनमें से ज़्यादातर भारतीय एजेंटों द्वारा बनाए गए जाली दस्तावेज़ों से जुड़े थे। इसके बाद कनाडा ने छात्रों की जांच प्रक्रिया कड़ी कर दी और पढ़ाई के लिए वित्तीय शर्तें भी बढ़ा दीं. इस बीच, भारत के ओटावा स्थित दूतावास ने कहा कि उसने बढ़ती वीज़ा अस्वीकृति दरों पर ध्यान दिया है। दूतावास ने यह भी कहा कि कनाडा के विश्वविद्यालय हमेशा से भारतीय छात्रों की प्रतिभा और उनकी पढ़ाई में उत्कृष्टता से लाभ उठाते रहे हैं.

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