Success Story: हिजाब से ज्यादा श‍िक्षा को माना जरूरी! 12वीं बोर्ड टॉपर तबस्सुम से मिल‍िए

तबस्सुम ने कहा कि जब हिजाब बैन पर फैसला आया तो मेरे पेरेंटस ने उस आदेश को मानने के लिए प्रोत्साहित किया. मैं दो सप्ताह तक कॉलेज नहीं गई. मैं कन्फ्यूज थी कि क्या करूं तो मेरे माता पिता ने समझाया कि कॉलेज जाना चाहिए. अगर श‍िक्षा हासिल करती हूं तो भविष्य में इस तरह के अन्याय के ख‍िलाफ आवाज उठा सकती हूं.

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12वीं बोर्ड टॉपर तबस्सुम शेख, अपने परिवार के साथ 12वीं बोर्ड टॉपर तबस्सुम शेख, अपने परिवार के साथ

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

Success Story: 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे ज्यादा नंबर लाने वाली टॉपर तबस्सुम शेख (Tabassum Sheikh) को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. 21 अप्रैल को जारी कर्नाटक के PUC II रिजल्ट में तबस्सुम ने 600 में से 593 अंक हासिल किए. वो राज्य की आर्ट्स स्ट्रीम की टॅापर बनीं हैं. टॉपर तबस्सुम ने कहा कि उन्होंने हिजाब से पहले शिक्षा को चुना, जिसके बाद से वो सुर्खियों में हैं.

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तबस्सुम के लिए यह सफलता किसी सपने के पूरे होने जैसा है. तबस्सुम शेख बताती हैं कि कैसे हिजाब बैन के बाद उन्होंने कॉलेज जाना छोड़ दिया था. वो एकदम कनफ्यूज हो गई थीं कि वो क्या फैसला लें. इसके बाद उनके माता-पिता ने उन्हें समझाया कि उन्हें श‍िक्षा को चुनना चाहिए. जब वो श‍िक्ष‍ित होंगी तभी इस तरह के अन्याय के ख‍िलाफ मुखर हो सकती हैं. तब्बसुम ने कहा कि वो 5 साल की उम्र से हिजाब पहन रही हैं. आज वो हिजाब उनकी पहचान का हिस्सा है. 

माता-पिता ने दी थी सीख
तबस्सुम ने कहा कि बैन के बाद मेरे माता पिता ने मुझे समझाया कि यह महिलाओं को शिक्षा नहीं देने की और मुस्ल‍िम समुदाय को पिछड़ेपन में धकेलने की एक चाल है. उन्होंने मुझे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए और कॉलेज जाने के लिए कहा. इस बात ने मुझे बहुत प्रेरित किया और मैंने कॉलेज जाना शुरू कर दिया. मैं कॉलेज के बाहर तक हिजाब पहनकर जाती थी लेकिन अंदर क्लासरूम में जाने से पहले उतार देती थी.

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बता दें कि स्कूलों और शैक्षण‍िक संस्थानों में हिजाब पर बैन लगने के बाद कर्नाटक राज्य में छात्राओं ने कई प्रदर्शन भी किए थे. तबस्सुम का कहना है कि उनकी कई सहपाठ‍ियों ने बैन के बाद कॉलेज छोड़ दिया था क्योंकि हिजाब उनकी पहचान और धर्म का हिस्सा है.उनकी कई दोस्तों ने कॉलेज छोड़कर ओपन कोर्सेज में अप्लाई किया. मैं उनके लिए उदास हूं, पर मुझे लगता है कि उन्हें कैसे भी करके अपनी शिक्षा पूरी करनी चाहिए. क्योंकि यही उनको आगे बढ़ने में मदद करेगा.

 

 

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