दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस वर्ष बकरीद पर छुट्टी नहीं होगी. यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के एक वर्ग ने ईद-उल-अजहा के त्योहार पर छुट्टी के बजाय 29 जून को कार्य दिवस के रूप में मनाने के विश्वविद्यालय के फैसले की निंदा की है. शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी के इस कदम को 'सांप्रदायिक और असंवेदनशील' बताया है.
इस फैसले पर डीयू ने कहा कि अगले दिन यानी 30 जून के समारोह से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के लिए 29 जून को कार्य दिवस रखना जरूरी है. यूनिवर्सिटी में 30 जून को होने जा रहे समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे.
हालांकि, यूनिवर्सिटी ने यह भी उल्लेख किया कि जो कर्मचारी 29 जून को त्योहार मनाना चाहते हैं, उन्हें कार्यालय में उपस्थित होने से छूट दी गई है. यूनिवर्सिटी नोटिस के अनुसार, 'शताब्दी समारोह का समापन समारोह शुक्रवार, 30 जून 2023 को निर्धारित है. समारोह से पहले सभी व्यवस्थाओं को पूरा करने की दृष्टि से, विश्वविद्यालय गुरुवार 29 जून 2023 को विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों के लिए कार्य दिवस रहेगा. जो कर्मचारी 29 जून 2023 को त्योहार मनाना चाहते हैं, उन्हें कार्यालय में उपस्थित होने से छूट दी गई है.
शिक्षकों के एक समूह ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर 'सांप्रदायिक मानसिकता, संवेदनशीलता की कमी और एक समुदाय को अलग-थलग करने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास' का आरोप लगाया है. उन्होंने विश्वविद्यालय से अधिसूचना वापस लेने की मांग की है.
एक बयान में, डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ टीचर्स ने कहा कि 29 जून को ईद-उल-अजहा मनाने के लिए एक अनिवार्य छुट्टी है और इसे भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया है. उन्होंने कहा, 'मुस्लिम समुदाय के सदस्य ईद-उल-अजहा मनाते हैं. अन्य समुदायों के सदस्य इन समारोहों में शामिल होते हैं. यह अधिसूचना एक ऐसा कदम है जो सांप्रदायिक मानसिकता, संवेदनशीलता की कमी और एक समुदाय को अलग-थलग करने के जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाता है.'
बयान में कहा गया, 'राजपत्रित छुट्टियों की लिस्ट वर्ष 2023 से बहुत पहले विश्वविद्यालय को ज्ञात हो गई है. कोई आपातकालीन स्थिति या आपदा नहीं आई है. यह संभावना नहीं है कि यदि संबंधित दिन होली या दिवाली होता तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसा ही कोई कदम उठाया होता. हम मांग करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस अवांछनीय अधिसूचना को वापस ले.'
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