दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम को लेटर लिखकर कहा है कि वह ऑनलाइन ओपन-बुक एग्जाम (DU OBE) के दौरान स्टूडेंट्स की कथित तौर पर मदद करने के लिए बने ग्रुप को बंद कर दे. यूनिवर्सिटी की ऑनलाइन ओपन-बुक परीक्षा सोमवार से शुरू हुई है, जिसमें पोस्ट ग्रैजुएट्स (पीजी) और अंडर ग्रैजुएट्स (यूजी) के फाइनल सेमेस्टर के तकरीबन 35 हजार स्टूडेंट्स ने पहले दिन हिस्सा लिया. कोरोना महामारी की वजह से यह परीक्षा ओबीई फॉर्मेट में करवाई जा रही है.
इस संदर्भ में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को एक ई-मेल भी भेजा है. इसमें कहा गया है, ''एग्जामिनेशन ब्रांच को इस बात की जानकारी मिली है कि परीक्षा में मदद पाने के लिए वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप्स बनाए गए हैं. स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे किसी भी ग्रुप को सब्सक्राइब नहीं करें.''
यूनिवर्सिटी ने मेल में आगे कहा है कि हमने उन स्टूडेंट्स की पहचान कर ली है, जिन्होंने परीक्षा के दौरान टेलीग्राम या वॉट्सऐप का इस्तेमाल किया है. इन मामलों को छात्रों द्वारा अनुचित तरीके से परीक्षा देने के रूप में देखा जाएगा और इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार, कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, अभी तक उन स्टूडेंट्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिन्होंने गलत तरीके से मदद ली है.
'डीयू ने 113 स्टूडेंट्स की पहचान की'
डीन (एग्जामिनेशंस) डीएस रावत के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन को टेलीग्राम पर बनाए गए ग्रुप के बारे में गुमनाम मेल मिला था. इस मेल में यह जानकारी दी गई थी कि टेलीग्राम पर बनाया गए इस ग्रुप के माध्यम से ओबीआई परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को मदद पहुंचाई जा रही थी. उन्होंने कहा, ''हमने 112-113 स्टूडेंट्स की पहचान कर ली है, जो ग्रुप में शामिल थे. हमने ग्रुप के बारे में और अधिक जानकारी निकाल ली है और टेलीग्राम को इसे बंद करने के लिए भी लिखा है.'' अधिकारी ने आगे बताया कि यूनिवर्सिटी की एक कमेटी इस मामले को देख रही है. यह कमेटी इस बात का पता लगाएगी कि क्या वास्तव में ये स्टूडेंट्स डीयू के हैं या फिर नहीं.
डीयू ओबीई 2021 के खिलाफ हैं स्टूडेंट्स
कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल पहली बार ओबीई को आयोजित किया गया था. यूनिवर्सिटी द्वारा शेयर किए गए डेटा के अनुसार, कुल 33,302 स्टूडेंट्स ने परीक्षा देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिसमें से पहले दिन 32,978 ने परीक्षा दी है. परीक्षा में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस के बारे में बात करते हुए रावत ने बताया, ''पहले दिन अटेंडेंस 99 फीसदी रही है और दूसरे दिन यह 96 फीसदी थी. यह आंकड़ा काफी अच्छा है. यहां तक कि फिजिकल मोड में परीक्षा ड्रॉप करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या अधिक रहती है.''
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच में डीयू ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ देशभर के स्टूडेंट्स ने भारी हंगामा किया था. उनका दावा था कि महामारी की वजह से वे मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशान हैं. साथ ही, स्टूडेंट्स का यह भी कहना था कि सभी के पास अपने घरों से परीक्षा देने के लिए जरूरी संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. महामारी ने कई स्टूडेंट्स के परिवारों को भी काफी प्रभावित किया है. ऐसे में इस तरह के माहौल में परीक्षा का आयोजन कराना सही नहीं है.
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