दिल्ली ब्लास्ट के बाद हरियाणा का अल-फलाह यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में हैं. क्योंकि, शुरुआती जांच में सामने आया था कि ब्लास्ट की साजिश में जिन आरोपियों का नाम सामने आ रहा है, वे फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करते थे. इसके बाद अब आरोपियों को लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से बयान जारी किया गया है.
क्योंकि, शुरुआती जांच में पुलिस ने जिन तीन आरोपियों - डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल और डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके बारे में बताया गया था कि सभी यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रोफेसर हैं. अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से वीसी डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान जारी कर बताया है कि आरोपियों के निजी मामले से विश्वविद्यालय का कोई लेना-देना नहीं है.
यूनिवर्सिटी की वीसी ने दी ये जानकारी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. (डॉ.) भूपिंदर कौर आनंद ने विश्वविद्यालय की स्थिति स्पष्ट करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है. इसके अनुसार, अल-फ़लाह विश्वविद्यालय 2014 से एक मान्यता प्राप्त निजी विश्वविद्यालय के रूप में कार्य कर रहा है और इसका मेडिकल कॉलेज 2019 से एमबीबीएस छात्रों को प्रशिक्षण दे रहा है.
ऑफिशियल ड्यूटी के अलावा कोई संबंध नहीं
विश्वविद्यालय ने हाल की घटनाओं पर दुख और शोक व्यक्त किया और प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की.उन्होंने पुष्टि की है कि विश्वविद्यालय से जुड़े दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है, लेकिन स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय का उक्त व्यक्तियों से उनके ऑफिशियल ड्यूटी के अलावा कोई संबंध नहीं है.
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परिसर का नहीं हुआ है दुरुपयोग
बयान में कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रसारित उन रिपोर्टों का भी खंडन किया गया है, जिनमें विश्वविद्यालय परिसर में अवांछित रसायन या पदार्थों के रखने का दावा किया गया है. बयान में इस बात का खंडन किया गया है कि यूनिवर्सिटी फैसलिटी का दुरुपयोग ऐसे किसी भी काम में नहीं किया गया है. सभी लैब गतिविधियां एमबीबीएस और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों के लिए नियामक सुरक्षा और नैतिक मानकों के अनुसार सख्ती से संचालित की जाती हैं.
आशुतोष मिश्रा