CBSE के सवाल पर मचा बवाल, DCW ने नोटिस भेज जताई नाराजगी, मांगा 72 घंटों में जवाब

DCW issues notice to CBSE: DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने विवादास्पद अनुच्छेद पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, "यह अस्वीकार्य है कि सीबीएसई ने अपने परीक्षा पत्र में महिलाओं को अपनमानित करने वाले ऐसे अनुच्छेद का प्रयोग किया. इससे सभी महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है."

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DCW issues notice to CBSE DCW issues notice to CBSE

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST
  • आयोग ने CBSE से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
  • 72 घंटे का दिया है समय

DCW issues notice to CBSE:  सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी पेपर में आए एक पैसेज बोर्ड पर हंगामा मचा हुआ है. अब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने इसका संज्ञान लेते हुए सीबीएसई को नोटिस जारी किया है. इस लेख में महिलाओं में स्वतंत्रता और समानता में वृद्धि के कारण बच्चों में अनुशासनहीनता के बढ़ने की वजह बताई गई थी. आयोग ने अब इसपर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुच्छेद को ना केवल महिला विरोधी ठहराया, बल्कि इसे नकारात्मकता और लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला भी करार दिया है.

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इस सवाल पर भी मचा है बवाल

वहीं, दिल्ली महिला आयोग का आक्रोश इस बात से और बढ़ गया कि जब सीबीएसई ने छात्रों से इसी लेख को कोट करते हुए सवाल पूछा है कि क्या वह/अभिमानी व्यक्ति/असंतुष्ट पति है या अपने परिवार के कल्याण के लिए ये सब कर रहा है? आयोग ने इस पर भी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि जिस भी व्यक्ति ने इस प्रश्न को सेट किया है, महिलाओं से जुड़े मुद्दों तथा नारीवाद के बारे में उसकी समझ पूरी तरह से विकृत है. 

72 घंटे का दिया समय

आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीएसई से इस लेख को परीक्षा में प्रकाशित कराने के लिए जिम्मेदार लोगों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई, इसको लेकर जवाब मांगा है. आयोग ने सीबीएसई को इस संबंध में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है.

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महिलाओं की भावनाओं को पहुंची ठेस: स्वाती मालीवाल

DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने विवादास्पद अनुच्छेद पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, "यह अस्वीकार्य है कि सीबीएसई ने अपने परीक्षा पत्र में महिलाओं को अपमानित करने वाले ऐसे अनुच्छेद का प्रयोग किया. इससे सभी महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है. ऐसे लेख ना केवल महिलाओं की स्वतंत्र पहचान पर हमला करते हैं, साथ ही साथ लिंग रूढ़िवादिता को बढ़ावा देने का भी प्रचार भी करते हैं". 

स्वाती मालीवाल कहती हैं कि छात्र जो इस देश का भविष्य है, उनकी प्रगतिशील सोच पर ऐसे लेखों से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. मैंने सीबीएसई को सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और आयोग को उसी का विवरण प्रदान करने के लिए 72 घंटे का समय दिया है.

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