केंद्र सरकार ने मंगलवार को छात्रों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी. इस परीक्षा के रद्द होने से लाखों छात्र व अभिभावकों को राहत भले ही मिली है, लेकिन साथ ही साथ कई सवाल भी ऐसे आ खड़े हुए हैं, जिसका छात्र लगातार जवाब खोज रहे हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो सवाल, इन सवालों के हल भी जानने की कोशिश करते हैं.
क्या मैं पास माना जाऊंगा?
जीएस मॉडर्न स्कूल दिल्ली में 12वीं छात्र मिनांक सिंह कहते हैं कि सरकार ने बोर्ड परीक्षाएं रद्द करके माता-पिता, शिक्षकों और छात्रों की चिंता खत्म कर दी है. ऐसे कठिन समय में परीक्षाओं को रद्द करना बहुत मायने रखता है. मैं संबंधित प्राधिकारी से भी अनुरोध करता हूं कि कक्षा 12 वीं के लिए मार्किंग स्कीम जल्द से जल्द जारी करें.
इस वक्त सिर्फ मेरे ही नहीं बल्कि ज्यादातर छात्रों के मन में यही सवाल आ रहा है कि क्या मैं सिर्फ पास माना जाऊंगा या मेरा कोई इवैल्यूएशन होगा, मुझे मार्कशीट मिलेगी या पासिंग सर्टिफिकेट.... बता दें कि मिनांक का ये सवाल बहुत वाजिब है. इसके लिए बोर्ड इवेल्यूएशन का प्लान बना रहा है. इसमें छात्रों का पिछले प्री एग्जाम और उनकी परफार्मेंस के आधार पर मूल्यांकन होगा. छात्रों को पासिंग सर्टिफिकेट के बजाय उन्हें मार्कशीट दी जाएगी.
सरकार का पास-फेल और मूल्यांकन के लिए क्या फार्मूला है?
शिक्षाविद और एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक राजीव कुमार झा का कहना है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के सरकार के निर्णय का स्वागत करना चाहिए. सरकार ने छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए यह फैसला लिया है. ऐसे माहौल में सरकार छात्रों को किसी भी तरह के जोखिम में नहीं डालना चाहती. उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड को दसवीं की ही तरह मूल्यांकन का फार्मूला अपनाना होगा ताकि 12वीं के बच्चों का मूल्यांकन भी पारदर्शी तरीके से हो सके.
मूल्यांकन का आधार क्या होगा?
फादर एंजल स्कूल नोएडा के छात्र स्पर्श अग्रवाल ने कहा कि कुछ छात्रों ने 12वीं बोर्ड के एग्जाम को लेकर अच्छी तैयारी कर रखी थी. ऐसे में अगर प्री बोर्ड में नंबर बहुत अच्छे नहीं हैं तो क्या उसके आधार पर हमारा मूल्यांकन होगा, जब तक बोर्ड इवैल्यूएशन नहीं करेगा तब तक मन में ये सवाल रहेगा कि आखिर 12वीं के एग्जाम में मूल्यांकन का आधार क्या होगा.
स्पर्श ने कहा कि वैसे बोर्ड परीक्षा को रद्द करना एक बड़ी राहत है क्योंकि ये परीक्षा कैंसिल होने के बाद अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल गया. हालांकि यह बेहतर होता अगर परीक्षा आयोजित की जाती क्योंकि छात्र प्री बोर्ड परीक्षाओं में बहुत अच्छा स्कोर नहीं कर पाते हैं और पिछले 2 महीनों में अपनी अंतिम परीक्षा की तैयारी करते हैं. बोर्ड परीक्षा रद्द होने के कारण छात्र यह आकलन नहीं कर पाएंगे कि वे कहां खड़े हैं. कोविड-19 का प्रभाव कमजोर होने तक परीक्षा स्थगित कर दी जाती तो बेहतर होता.
मुझे कितने मार्क्स मिलेंगे?
एग्जाम कैंसिल होने को लेकर 12वीं के छात्र समीर का कहना है कि अगर एग्जाम होते तो हमारा कॉन्फीडेंस काफी डेवलप होता. हमें रीडिंग, लर्निंग और राइटिंग स्किल को आजमाने का भी एक मौका मिलता. अब जब परीक्षा नहीं हो रही तो मन में यही सवाल है कि मार्क्स मुझे कितने और किस आधार पर मिलेंगे. वही इस सवाल के जवाब में बोर्ड पहले ही क्लीयर कर चुका है कि उनके पास इवैल्यूएशन के कई मॉडर्न तरीके हैं जिससे छात्र के अंकों का सही मूल्यांकन किया जा सके. इसके अलावा बोर्ड स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में बनी एक रिजल्ट कमेटी के जरिये भी नंबरों का मूल्यांकन करा सकता है.
अगर मैं नंबरों से संतुष्ट नहीं हूं तो मेरे पास क्या विकल्प हैं?
दिल्ली के सर्वोदय बाल विद्यालय जाफराबाद के क्लास 12 के छात्र दिलकश कहते हैं कि बोर्ड एग्जाम कैंसिल होने से थोड़ा खुशी भी है थोड़ा गम भी. 1st class से लेकर 12th class कुल मिलाकर 12 सालों की मेहनत 12th bord exam के result से सामने आती है. ये सही बात है कि बाकी क्लास के अलावा मैंने 12th में बहुत मेहनत की है. मेरे हिसाब से bord exam अपने वक़्त पर हो जाता तो ज्यादा सही होता. वैसे इस कोरोना काल में केंद्र सरकार ने हालातों का ध्यान रखते हुए विद्यार्थियों के हक में सही फैसला लिया है क्योंकि ऐसा बताया जा रहा है 3rd वेव भी आ सकता है.
मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि अगर मैं नंबरों से संतुष्ट नहीं हूं तो मेरे पास क्या विकल्प हैं? इसके जवाब में शिक्षक राजीव कुमार झा कहते हैं कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जो छात्र अपने मूल्यांकन के बाद दिए गए नंबरों से संतुष्ट नहीं हैं तो वो कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर ऑफलाइन एग्जाम दे सकते हैं. बोर्ड ने दसवीं कक्षा के लिए भी ये नियम बनाया है.
मानसी मिश्रा